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इछावर/सीहोर : असुविधाओं से गुजरते अन्नदाता, शासकीय तौर पर एक-दूसरे के निर्देशों का खेल बनकर रह गये गेहूं उपार्जन केंद्र

उपार्जन केंद्रों पर असुविधाओं का अंबार..

शासकीय तौर पर एक-दूसरे के निर्देशों का खेल बनकर रह गये गेहूं उपार्जन केंद्र,
सरकार सिर्फ “कारण बताओ नोटिस” जारी करने तक सिमटी..
गेहूं उपार्जन केंद्रों पर खाद्य मंत्री के निर्देशों की अनदेखी,
अन्नदातओं को कई केंद्रों पर काम चलाऊ व्यवस्था तक नसीब नहीं…

इछावर/सीहोर, 17 अगस्त 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

इछावर :  स्नान-ध्यान भी चलता है पेयजल की एकमात्र टंकी से..

अन्नदाता एक टंकी से अपने प्यासे कंठ तर कर रहे हैं वहीं उसी टंकी के नीचे बैठ ट्रेक्टर चालक स्नान करते नजर आ रहे हैं। टेंट व्यवस्था के अभाव में भीषण गर्मी से बचने दूरस्थ दरख़्तो के साये में शरण लेना किसानों की मजबूरी बन गई है। पचासों ट्रेक्टर-ट्रालियां हाई-वे किनारे लाइन लगाए खड़ी हैं।

इछावर : हाईवे पर कतार में लगी पचासों ट्रेक्टर-ट्रालियां

इछावर के गेहूं उपार्जन केंद्रों की अव्यवस्था देखते ही बनती है। समापुरा-नादान के बीच स्थित “नारंग वेयरहाउस” में सर्वाधिक अव्यवस्था फैली हुई है जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उपार्जन केंद्र का संचालन करने वाले “सहेली आजीविका स्व सहायता समूह” ब्रिजिशनगर के सदस्यगण तथा वेयरहाउस के संचालक राजेंद्र नारंग तक केंद्र पर मौजूद नहीं रहते ऐसे में अव्यवस्था को तो चरम छूना ही है। बुधवार 16 अप्रैल को मीडिया टीम ने उक्त केंद्र का नजदीकी से जायजा तो समूह की सदस्या ज्योति वारेलासहित संचालिक आशा राठौर को उपस्थित पाया,अन्य सभी मेंबर नदरद थे इस संबंध में श्रीमती आशा राठौर से बात की गई तो उनका कहना था कि ब्याह-शादी में चले जाने के कारण समूह की अन्य सदस्या आज नहीं आई, श्रीमती राठौर ने बाइट में बताया कि हमारी तरफ से सब ठीकठाक चल रहा हैराजेंद्र नारंग मौजूद नहीं थे इस वजह से उनसे बात नहीं हो पायी।
कुल मिलाकर मीडिया ने अपने जायजे में इस केंद्र पर राज्य शासन के समूचे नियम और निर्देशों को कचरे के ढेर पर पाया।इछावर : नारंग वेयरहाउस नादान
मौजूद किसानों द्वारा बताया गया कि बड़े तौल कांटा पर 20-30 किलो की डंडी मारी जा रही थी जिसके विरोध स्वरुप पिछले सप्ताह किसानों को हाइवे पर केंद्र के सामने चक्का जाम करना पड़ा था तब जाकर कहीं बड़े कांटे से तुलाई बंद की गई। छोटे कांटे पर चल रही है। नाम नहीं प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर ब्रिजिशनगर निवासी एक किसान ने बताया कि शुक्र है इछावर एसडीएम साहब का जिन्होने शिकायत के पश्चात हमें तोल-मोल में मारे गए पैसे हमें वापस दिलाए।

इछावर : रिवर्स लेने की किल्लत…

गत दिवस खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता सरंक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने प्रदेश के कलेक्टरों को निर्देश जारी करते कहा कि वे अपने -अपने जिलों में उपार्जन केंद्रों की निरंतर मॉनीटरिंग करें।
उपार्जन कार्य से जुड़े कर्मचारियों, अधिकारियों एवं एजेंसियों को भी सख्त हिदायत दी थी कि, किसानों को कतारों में लंबा इंतजार न करना पड़े,तुलाई,रख-रखाव एवं परिवहन की सभी व्यवस्थाएँ पूर्ण पारदर्शिता के साथ समय पर संपन्न हों। लेकिन कई केंद्रों पर यह आदेश-निर्देश हवा हवाई साबित हो रहे हैं।
निर्देशों का तो यह हाल है कि एक हाथ से लो, दूसरे हाथ से दो ..और तीसरा हाथ है नहीं जो पालन हो सके अत: कई केंद्रों पर स्थिति जस की तस बनी हुई है।
यह होना चाहिए व्यवस्था
ज्ञात रहे कि कलेक्टर बालागुरू के. ने एनआरएलएम की पंजीकृत महिला स्व-सहायता समूह/ग्राम संगठनों को गेहूं उपार्जन कार्य आवंटित केन्द्रों में भैरूंदा के दुर्गा आजीविका स्व सहायता समूह गिल्लौर, माही आजीविका स्व सहायता समूह निमोटा, राम रहिम आजीविका ग्राम संगठन ईटांबाकला, इछावर के सहेली आजीविका स्व सहायता समूह ब्रिजिशनगर, मां गौरी आजीविका स्व सहायता समूह बिछौली, सीहोर के दिशा आजीविका स्व सहायता समूह लालाखेडी, बालाजी आजीविका स्व सहायता समुह सांकला, राधेकृष्णा आजीविका स्व सहायता समुह बिछिया, श्रीगणेश आजीविका स्व सहायता समुह दुपाडिया भील और रानी आजीविका स्व सहायता समुह श्यामपुर बनाये गए थे।

इनको थमाए गए थे “कारण बताओ नोटिस”
कलेक्टर ने श्यामपुर के छतरपुरा स्थित रामानुज वेयरहाउस संचालक भावना गौर पति सुरेंद्र गौर एवं बद्रीनाथ वेयरहाउस के गोदाम संचालक श्रीमती सीयाबाई को केंद्र में अनियमितता पाए जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। तब कृषि कल्याण विभाग के उप संचालक ने उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण किया था।

उधर नारंग वेयर हाउस के संचालक राजेंद्र नारंग का कहना है कि मै किसी कारणवश नहीं आ पाया, छोटे भाई को नादान भेज दिया था।

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