एडीज मच्छर है डेंगू का संवाहक
यह बीमारी एडीज मच्छर के काटने से फैलती है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी रोगी को काटता है, तो खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। मच्छर के शरीर में डेंगू वायरस का कुछ और दिनों तक विकास होता है। जब डेंगू वायरस युक्त एडीज मच्छर किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो वह डेंगू वायरस को उस व्यक्ति के शरीर में पहुंचा देता है। इस प्रकार वह व्यक्ति डेंगू वायरस से संक्रमित हो जाता है। डेंगू की पहचान सही समय पर न किए जाने पर घातक रूप ले सकती है। डेंगू बुखार तीन प्रकार के होते हैं। साधारण डेंगू बुखार , डेंगू हेमरेजिक बुखार, डेंगू शॉक सिंड्रोम। यदि डेंगू हेमरेजिक बुखार या डेंगू शॉक सिंड्रोम का तुरंत उपचार नहीं किया जाता है यह जानलेवा हो सकता है। डेंगू में तेज बुखार आना, सर दर्द, आंखो की पुतलियों में दर्द, शरीर में लाल चकत्ते निकालना आदि प्रमुख लक्षण है। डेंगू की जांच भोपाल जेपी अस्पताल, एम्स, बीएमएचआरसी, सिविल डिस्पेंसरी बैरागढ़ एवं जीएमसी में होती है।
मच्छर के पनपने से पहले ही नष्ट करना जरूरी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मच्छरों के पनपने के स्रोत को नष्ट करना बेहद जरूरी है। ठंड के मौसम में डेंगू के केस कम पाए जाते हैं, लेकिन साफ सफाई को स्थाई आदत बनाना जरूरी है। डेंगू बीमारी एडीज मच्छर के काटने से होती है। इस मच्छर का लार्वा साफ पानी में पनपता है। जिसे आसानी से पहचान कर नष्ट किया जा सकता है। स्वास्थ विभाग द्वारा लार्वा विनिष्टिकरण की कार्यवाही लगातार की जाती है। लोगों को भी चाहिए कि वह ऐसे बर्तन, टायर, गमले या अन्य स्रोत जिनमें साफ पानी इकट्ठा हो रहा हो, उन्हें तुरंत साफ करें। सफाई की यह प्रक्रिया नियमित रूप से रखी जाने बेहद आवश्यक है। यह मच्छर दिन के समय काटता है। इसलिए दिन के समय में सोते समय भी मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए।
एक मच्छर कई लोगों को बीमार कर सकता है
डेंगू बीमारी के लिए जवाबदेह मादा एडीज मच्छर अपने जीवन काल में लगभग 250- 300 इनफेक्टेड बच्चे पैदा कर सकती है। जिनमें से हर बच्चा भी 300 इनफेक्टेड मच्छर पैदा करता है। इस प्रकार एक मच्छर के इनफेक्टेड होने पर कई गुना बड़ी संख्या में संक्रमित मच्छर पैदा हो जाते हैं। यह मच्छर एक बड़ी जनसंख्या को संक्रमित और बीमार कर सकते हैं।