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सीहोर (मध्यप्रदेश): नाबालिक बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3500/-रूपये का अर्थदण्ड से दण्डित

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सीहोर (मध्यप्रदेश): नाबालिक बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3500/-रूपये का अर्थदण्ड से दण्डित

सीहोर , एमपी मीडिया पॉइंट

न्यायालय का नामः- विशेष न्यायाधीश , अभिलाष जैन, पॉक्सो न्यायालय सीहोर म0प्र0।

पैरवीकर्ताः- केदार सिंह कौरव, विशेष लोक अभियोजन अधिकारी, जिला सीहोर।

आरोपियों के नामः- धनसिंह दायमा पिता रामस्वरू दायमा आयु 24 वर्ष निवासी खाण्डाबढ थाना बुधनी जिला सीहोर म.प्र.।

घटना का संक्षिप्त विवरण:-

अभियोजन की कहानी इस प्रकार है कि, पीडिता ने अपने माता पिता के साथ दिनांक 30.09.2022 को थाना बुदनी में यह सूचना दी की रात्री लगभग 8ः00 बजे की बात है, वह घर से मंदिर पर दर्शन करने के लिए अपनी दीदी व चाची के साथ गई थी उसकी दीदी व चाची भजन गा रही थी तभी वह अपनी सहेली के घर उससे मिलने के लिए अकेली चली गई, जब वह सहेली के घर जा रही थी तभी नल (हेडपंप) के पास पहुंची। वही पर आरोपी धनसिंह आ गया और बोला मेरे साथ चलो मैनें जाने से मना किया, आरोपी पीडिता का हाथ पकड़ कर अपने साथ खेत में ले गया, और पीडिता के साथ आरोपी ने उसके कपडे उतारकर बलात्संाग किया। आरोपी ने धमकी दी यदि यह बात किसी को बताई तो वह उसे जान से मार देगा। फिर पीडिता मंदिर के पास गई जहां पर पीडिता की दीदी व चाची मिली पीडिता ने उन्हें सारी बात बताई, और सुबह पीडिता ने अपनी दीदी व पिता के साथ थाना बुदनी आकर घटना की रिपोर्ट की। पीडिता से पूछताछ के बाद एवं घटना स्थल का निरीक्षण उपरांत पीडिता का मेडीकल व धारा 164 द.प्र.स. के कथन कराये गये। पीडिता को परिजन को सुपुर्द कर अनुसंधान पश्चात अभियोग-पत्र धारा 376(3), 341, 506 भादवि एवं 3/4 पॉक्सो एक्ट, 3(2)(ट) एस0सी0एस0टी एक्ट के अंतर्गत अनुसंधानकर्ता द्वारा विवेचना पूर्ण कर आरोप पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। पीड़िता की उक्त घटना के आधार पर आरोपी के विरूद्ध थाने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई । उक्त प्रकरण की गंभीरता को दृष्टिगत प्रकरण को जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया गया। प्रकरण में अनुसंधान पशचात् अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। । न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया गया।
अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एंव अंतिम लिखित तर्को से सहमत होते हुये माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुये धारा 341 भादवि में 01 वर्ष, 363 भादवि में 03 वर्ष, 366 भादवि में 05 वर्ष का सरम कारावास एवं 376(3) भादवि में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं और कुल 3500/-रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

विशेष लोक अभियोजक केदार सिंह कौरव द्वारा प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला सीहोर द्वारा की गई।

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