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यम द्वितीया : भगवान चित्रगुप्त पूजन का पर्व

यम द्वितीया : भगवान चित्रगुप्त पूजन का पर्व।

एमपी मीडिया पॉइंट
(सीहोर)

भगवान चित्रगुप्त यमराज के सहायक है, सभी मनुष्यों के कर्मों का लेखा जोखा रखते हैं। सनातन धर्म में चित्रगुप्त की पूजा का बहुत महत्व है। यह पूजा कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया‌ भाई दूज के दिन की जाती है। इस दिन भगवान चित्रगुप्त के अलावा कलम और स्याही की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि चित्रगुप्त की पूजा करने से व्यक्ति को सुख समृद्धि और प्रगति का आशीर्वाद मिलता

यम द्वितीया पर कविता
डॉ अरुण श्रीवास्तव अर्णव की कलम से–

चित्रगुप्त भगवान की , पूजा का यह पर्व ।
यश वैभव के साथ में , सत्य न्याय का गर्व ।।

लिखती कलम दवात है , जैसे जिसके कर्म ।
सच्चाई की राह पर , नित्य साथ में धर्म ।।

स्वर्ग नर्क का प्रभु रखें , लेखा – जोखा देख ।
काया से पैदा हुए , पढ़ते जीवन रेख ।।

आज द्वितीया यम यहाँ , पूजन करते सर्व ।
श्रद्धा से मनता रहे , प्रभु यह पावन पर्व ।।

बढ़े निरंतर प्रेम भी , ऐसा यह त्यौहार ।
सबके सुख की कामना , सुखी रहे संसार ।।

चित्रगुप्त भगवान की , पूजा का यह पर्व ।
यश वैभव के साथ में , सत्य न्याय का गर्व ।।

लिखती कलम दवात है , जैसे जिसके कर्म ।
सच्चाई की राह पर , नित्य साथ में धर्म ।।

स्वर्ग नर्क का प्रभु रखें , लेखा – जोखा देख ।
काया से पैदा हुए , पढ़ते जीवन रेख ।।

आज द्वितीया यम यहाँ , पूजन करते सर्व ।
श्रद्धा से मनता रहे , प्रभु यह पावन पर्व ।।

बड़े निरंतर प्रेम भी , ऐसा यह त्यौहार।                              सबके सुख की कामना सुखी रहे ससार ।।

 

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