मध्यप्रदेश

इछावर : शुक्रवार को तीन पंचायतों मे काहे का अवकाश,

पंचायत कर्ताधर्ताओं की मनमानी..

इछावर : शुक्रवार को तीन पंचायतों मे काहे का अवकाश,

पांगरा खाती,कालापीपल,बावड़ियानऔबाद,समेत कई ग्राम पंचायत भवनों के ताले तक नहीं खुले,
ग्रामीणों ने की उचित कार्रवाई की मांग

एमपी मीडिया पॉइंट के लिए
विजय मालवीय/शलज शर्मा

सरकार ने एक तरफ पंचायतों को दायित्व सौंप रखा है कि ग्रामीणों के कार्य एवं जन कल्याणकारी योजनाओं का समय सीमा के अंतर्गत और पूर्ण पारदर्शीता के साथ क्रियांवयन करें। लेकिन शासन के निर्देशन को सरेआम धता बताते हुए पंचायत सचिव और सरपंच मनमानी करते पाए जा रहे हैं।

 घर से चल रहा सर्वे कार्य…?

ताजा मामला और एक बानगी ब्लाक मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर पांगरा खाती, कालापीपल ग्राम पंचायतों का है, जहां 21 मार्च दोपहर 01:52 बजे तक पंचायत भवन के ताले तक नहीं खुल पाए, मौके पर पहुंची एमपी मीडिया पॉइंट की टीम ने जब इस विषय पर ग्रामीणों से चर्चा की तो उनका कहना साफ था कि पंचायत सचिव जसमत सिंह ठाकुर यदाकदा ही पांगरा आते हैं हमे अपने कामकाज के लिए इछावर पहुंचकर उन्हें ढंढना पड़ता है।
मोगरा के गरीब ग्रामीण बताते हैं कि हमे हमारे हित में संचालित शासन की योजनाओं की भनक तक नहीं लगने दी जा रही, पूरी पंचायत पर राजनितिकबाजों और सचिव की “मर्जी” का कब्जा बना हुआ है जबकि गांवों के हाल बद से बदतर बने हुए। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत के फर्जीबाड़े की बिना किसी दबाव और निष्पक्षता के साथ जांच और कठोर कार्रवाई जरुरी है।
बतादें कि पांगरा और इसके अंतर्गत आने वाले गांव मोगरा के ग्रामीण भी अपने कार्य के लिए भटकते हैं।
मोगरा गांव के गरीब लोगों का कहना है कि हमारे कामकाज इसलिए नहीं हो पाते कि सचिव महोदय हमसे दूरी बनाकर चलते हैं।

यही हालत इन पंचायतों के भी..

पांगरा खाती पंचायत के साथ-साथ ग्राम पंचायत कालापीपल, बावड़ियानौआबाद एवं गाजीखेड़ी पंचायत के भी पाए गए, वहां भी भवनों पर ताले जड़े थे।
ग्राम पंचायत कालापीपल के निवासियों ने बताया कि हम पंचायत सचिव जमील खां के बर्ताव से तंग हैं, अन्य पंचायतों से निलम्बन के पश्चात उन्हें कालापीपल का दायित्व सौंपकर नवाजा गया है जिसका खामियाजा ग्रमीणों को उठाना पड़ रहा है।
सचिव महोदय हर किसी बहाने से ज्यादातर नदारद रहते हैं। परिणामस्वरूप हमें अपने काम के लिए भटकना पड़ता है। सरकारी योजनाएं भी घर बैठकर कागज़ पर संचालित हो रही हैं। उच्चाधिकारियों को ध्यान देना अतिआवश्यक है। सर्वे का बहाना बनाते हैं और अंयत्र जगह रहते हैं। खास बात यह कि मोबाइल पर काल तक रिसीव नहीं करते।

ग्राम पंचायत बावड़ियानौआबाद में भी शुक्रवार को ताले “सुशोभित” कर रहे थे और ग्रामीण वहां अपने विभिन्‍न कार्यो को लेकर भटकते नज़र आ रहे थे, उनका भी कहना यही था कि हमारे लिये सरकार जो योजनाएं संचालित कर रही हैं उसको लेकर हम अनभिज्ञ है।

बतादें कि शुक्रवार को एक मात्र गाजीखेड़ी पंचायत के कर्ताधर्ताओं ने काल रिसीव करते हुए बताया कि हम सर्वे कार्य में जुटे हुए हैं।

कुलमिलाकर मीडिया की टीम ने शुक्रवार को ग्राम्यांचलो का दौरा करते हुए पाया कि, शासन की योजनाएं ज्यादातर भ्रष्टाचार की भेंट चड़ी हुई हैं और और जमकर भाई-भतीजावाद की शिकार हैं।

यह कहते हैं अधिकारी
——————–
एमपी मीडिया पॉइंट ने जनपद पंचायत इछावर की सीईओ शिवानी मिश्रा को अवगत कराया तो उनका कहना है कि “पंचायत भवन में तालाबंदी” कहीं से उचित नहीं” इन सब मामलों को लेकर मेरे द्वारा शीघ्र नोटिस जारी किया जाएगा।

Related Articles

Back to top button