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बादलों की आगोश में समाया सूरज, सीहोर जिले में पिछले 24 घंटे मे 21.5 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज

हालात-ए-बारिश

बादलों की आगोश में समाया सूरज,
सीहोर जिले में पिछले 24 घंटे मे 21.5 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज

सीहोर,10 जुलाई,2025
एमपी मीडिया पॉइंट

राजधानी भोपाल की तरह सीहोर जिला भी बारिश से तरबतर चल रहा है। कुछ क्षेत्रों में भारी तो कुछ में सामान्य वर्षा दर्ज की गई है। जिले के आष्टा एवं जावर क्षेत्र में पिछले 24 घंटे के दौरान बारिश नापने का यंत्र “शून्य” दर्शा रहा है। पिछले वर्ष से तुलना की जाए तो इस बार आज दिनांक तक 145 मिमी वर्षा अधिक हो चुकी है।

जिले में बीते 24 घंटे में प्रात: 08 बजे तक 21.5 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। वर्षामापी केंद्र सीहोर में 47.3, मिलीमीटर, श्यामपुर में 52.5, आष्टा में 0.0, जावर में 0.0, इछावर में 5.0, भैरूंदा में 29.0, बुधनी में 17.0, रेहटी में 21.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।

जिले में 01 जून से 10 जुलाई तक 349.9 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज

जिले में 01 जून से 10 जुलाई को प्रात: 8 बजे तक 349.9 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। गत वर्ष इसी अवधि में औसत वर्षा 205.3 मिलीमीटर थी। जिले की वर्षा ऋतु में सामान्य औसत वर्षा 1148.4 मिलीमीटर है। अधीक्षक भू-अभिलेख से प्राप्त जानकारी के अनुसार 01 जून से 10 जुलाई 2025 तक जिले के वर्षामापी केन्द्र सीहोर में 350.4, मिलीमीटर, श्यामपुर में 309.8, आष्टा में 204.0, जावर में 185.0, इछावर में 316.3, भैरूंदा में 356.0, बुधनी में 539.0 तथा रेहटी में 539.0 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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