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एमपी : ई-केवायसी कराने के बाद 20 लाख नये हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी करने विंडो ओपन- खाद्य मंत्री श्री राजपूत

मध्यप्रदेश

ई-केवायसी कराने के बाद 20 लाख नये हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी करने विंडो ओपन : खाद्य मंत्री श्री राजपूत

मध्यप्रदेश : विगत 5 माह में एक करोड़ से अधिक हितग्राहियों का हुआ ई-केवायसी

भोपाल,11जुलाई, 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि भारत सरकार के निर्देशानुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत सभी पात्र हितग्राहियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिये ई-केवायसी करवाई जा रही है। गत 5 माह में एक करोड़ से अधिक हितग्राहियों की ई-केवायसी कराई जा चुकी है और अब लगभग 20 लाख नवीन पात्र हितग्राहियों को पात्रता पर्ची दी जा सकेगी। इन नवीन हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी करने के लिये विंडो ओपन किया जा रहा है।

आयुक्त खाद्य कर्मवीर शर्मा ने जानकारी दी है कि प्रदेश की लगभग 27 हजार उचित मूल्‍य दुकानों पर लगाई गई पीओएस मशीन से पात्र हितग्राहियों के ई-केवायसी करने की व्‍यवस्‍था के अतिरिक्‍त वृद्ध, बच्‍चों के तथा हितग्राही द्वारा घर बैठे ई-केवायसी करने की सुविधा भारत सरकार के मेरा ई-केवायसी एप से फेस एथेंटिकेशन द्वारा करने की सुविधा दी गई है। सभी हितग्राहियों को ई-केवायसी कराने के लिये प्रतिमाह 2 से 3 बार SMS किए गए। उचित मूल्‍य दुकानो पर इस संबंध में सूचना प्रदर्शित की गई। समाचार पत्रो में ई-केवायसी कराने के लिये समाचार प्रकाशित कराए गए।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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