
म्यांमार में भूकंप से मरे रिकॉर्ड तोड़ नागरिक,
जबरदस्त तबाही का मंजर..
मीडिया रिपोर्ट
भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में शुक्रवार को भयानक भूकंप आया. भूकंप की तीव्रता 7.7 थी, जोकि काफी तेज था. इन झटकों से कई बिल्डिंग ढह गईं और लोग दहशत में आ गए. न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, भूकंप में कम से कम 694 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 1,670 से ज्यादा लोग घायल हुए है.
हालांकि, मरने वालों की संख्या और अधिक होने की आशंका जताई जा रही है.
इसी के साथ अभी भी देश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. रेस्क्यू ऑपरेशन अभी चल ही रहा है, इसी के चलते बचाव कार्य जारी रहने के चलते मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है. वहीं, म्यांमार में आए भूकंप के झटके पड़ोसी देश थाईलैंड तक में महसूस किए गए. पड़ोसी देश थाईलैंड के बैंकॉक में एक निर्माणाधीन ऊंची इमारत ढह गई, जिसमें कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांगी मदद
जुंटा प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग ने एक वीडियो स्पीच में कहा, मैंने राहत प्रयासों के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन का अनुरोध किया है. म्यांमार में शुक्रवार को दोपहर में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था. इस भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास था. इसी के बाद करीब 11 मिनट बाद 6.4 तीव्रता का जोरदार झटका आया. इसी के साथ अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वे का अनुमान है कि मरने वालों की संख्या 1,000 से अधिक हो सकती है.ताजा जानकारी के मुताबिक यह संख्या ढेड़ हजार के पार हो सकती है ।
थाईलैंड में भी मची तबाही
म्यांमार के सैन्य जुंटा नेता, जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने और अधिक मौतों और हताहतों की चेतावनी दी है. साथ ही उन्होंने किसी भी देश को मदद और दान देने के लिए आमंत्रित किया, जबकि मेजर जनरल जॉ मिन तुन ने बताया कि नेपीडॉ, मांडले और सागांग शहर में अस्पताल घायलों से भरे हुए हैं. थाईलैंड में, बैंकॉक के चाटुचक बाजार के पास एक 33 मंजिला निर्माणाधीन इमारत ढह गई. इमारत के ढहने का वीडियो भी तेजी से वायरल हो रही है. इमारत के ढहने के बाद बचावकर्मी मलबे की ओर दौड़े और घायल लोगों को फौरन अस्पताल ले जाया गया.
भूकंप के बाद राहत अभियान शुरू
म्यांमार में भूकंप के बाद राहत अभियान शुरू किया जा चुका है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने घोषणा की कि संयुक्त राष्ट्र जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए दक्षिण पूर्व एशिया में जुट रहा है, राहत के लिए 5 मिलियन डॉलर आवंटित किए गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने म्यांमार में अधिकारियों से बात की है और पुष्टि की है कि उनका प्रशासन देश को सहायता देगा. म्यांमार की सरकार ने सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में बल्ड की उच्च मांग की सूचना दी है.
भारत ने बढ़ाया मदद के लिए हाथ
ऐसे मुश्किल के समय में पड़ोसी देश की मदद करने के लिए भारत ने भी कदम उठाया है. भारत ने भी म्यांमार की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है. भारत म्यांमार को टेंट, स्लीपिंग बैग, खाना, स्वच्छता किट और आवश्यक दवाओं सहित 15 टन से अधिक राहत सामग्री भेजेगा. सहायता वायु सेना स्टेशन हिंडन से भारतीय वायु सेना के सी-130जे विमान के जरिए यह मदद देश तक पहुंचाई जाएगी.
मुख्य भूकंप के बाद शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार रात 11:56 बजे म्यांमार में 4.2 तीव्रता का झटका आया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) ने पुष्टि की कि झटका 10 किमी की गहराई पर आया, जिससे आगे के झटकों की संभावना बढ़ गई है. म्यांमार में सबसे ज्यादा नुकसान मांडले शहर में हुआ. यहां करीब 15 लाख की आबादी है. अभी भी यहां पर बचाव कार्य जारी है।
अपडेट…
- सरकारी प्रसारक एमआरटीवी के मुताबिक, राजधानी नेपिटॉ के एक अस्पताल में हुई मौतें भी इसमें शामिल हैं. इस क्षेत्र के बड़े पैमाने पर हताहत होने की संभावना है. यहां के डॉक्टरों ने बताया कि भूकंप से मांडले में एक मस्जिद ढह गई, उस दौरान वहां काफी लोग मौजूद थे. उसी शहर में एक यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग में भी आग लग गई.
- अमेरिका के जियोलॉजिकल सर्वे ने आशंका जताई है कि म्यांमार में भूकंप की वजह से मरने वालों का आंकड़ा 10 हजार के पार हो सकता है. म्यामांर और बैंकॉक में भूकंप से कितना नुकसान हुआ है, इसका आधिकारिक आंकड़ा अब तक सामने नहीं आया है. लेकिन कई इमारतों के जमींदोज होते वीडियो सामने आए हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नुकसान भी बड़ा ही हुआ है.
- भूकंप के बाद म्यांमार ने इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. जिसकी वजह से भूकंप से कई इलाकों में हुए नुकसान की जानकारी सामने नहीं आ पा रही है. “द ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ़ म्यांमार” नाम के एक सरकारी अखबार के मुताबिक, कई बिल्डिंग्स और पुल गिर गए.
- म्यांमार में आए भूकंप का असर 900 किलोमीटर दूर थाइलैंड के बैंकॉक तक में देखा गया, जहां कुछ इमारतें ज़मींदोज़ हो गईं.पुलिस और डॉक्टर्स ने बताया कि बैंकॉक में एक निर्माणाधीन 30 मंजिला इमारत ढह गई, जिसमें 43 श्रमिक वहां फंस गए. सोशल मीडिया पर शेयर किए गए फुटेज में देखा जा सकता है कि ये गगनचुंबी इमारत कुछ ही सेकंड में मलबे नें तब्दील हो गई.
- म्यांमार के सैगाईं शहर में इरावड़ी नदी पर बना 91 साल पुराना आवा ब्रिज भूकंप के झटकों से टूट गया. ये पुल ब्रिटिश दौर में बना था. इसके साथ ही राजधानी नेपिटॉ और मांडले शहर की कई ऊंची इमारतों को भी भारी नुकसान हुआ है. सैकड़ों घरों में दरारें आ चुकी हैं.
- म्यांमार के जुंटा प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग ने बताया कि वहां पर इमरजेंसी घोषित कर दी गई है और अन्य देशों से सहायता की अपील की गई है. अन्य देशों या संगठन से मदद के लिए आगे आने की अपील की गई है.
- थाईलैंड और म्यांमार में आए भूकंप के बाद, यहां भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को एक हेल्पलाइन नंबर +66 618819218 जारी कर सभी भारतीय नागरिकों से आपातकालीन स्थिति में उससे संपर्क करने को कहा.
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने म्यांमार और थाईलैंड में भीषण भूंकप की वजह से पैदा हुई स्थिति पर चिंता जताते हुए दोनों देशों को हरसंभव मदद देने का भरोसा दिया था. भारत शनिवार को म्यांमार को करीब 15 टन राहत सामग्री भेजने जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, यह सामग्री एक सैन्य परिवहन विमान से भेजी जाएगी. इसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, जेनरेटर सेट, कंबल, खाना, वाटर प्यूरीफायर, सोलर लैंप और दवाइयां शामिल हैं.
- चीन ने भी म्यांमार को इमरजेंसी मानवीय सहायता देने का वादा किया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह बचाव और राहत कार्यों में पूरी तरह से मदद के लिए तैयार है. बता दें कि चीन और म्यांमार के रिश्ते हमेशा अच्छे रहे हैं. चीन इस मुश्किल समय में म्यांमार के साथ खड़ा है. अमेरिका ने भी मदद का भरोसा दिया है.