Blog

पिक्चर अभी बाकी है…उधर भारतीय सेना ने प्रेस वार्ता मे शाया कीं पूरी जानकारी

भारत बनाम पाकिस्तान

पिक्चर अभी बाकी है…उधर भारतीय सेना ने प्रेस वार्ता मे शाया कीं पूरी जानकारी

मीडिया रिपोर्टस्

‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के तहत की भारत के इस सख्‍त एक्‍शन में लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय भी तबाह हो गया है। अब इस पर भारत के पूर्व आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। अपने एक्‍स हैंडल पर उन्‍होंने लिखा कि, ‘पिक्‍चर अभी बाकी है!…पूर्व आर्मी चीफ के बयान को पर लोग हैरत जता रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय सशस्‍त्र बलों द्वारा एक बार फिर पाकिस्‍तान पर कार्रवाई हो सकती है। हालांकि, अब तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

प्रेस वार्ता…

उधर “आपरेशन सिंदूर” पर विस्तार से भारतीय सेना ने अब जानकारी साझा की है, जिसमें बताया कि किस तरह से इस अटैक को अंजाम दिया गया। उन्होंने साफ किया इस दौरान सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया गया है। इसके लिए काफी लंबी रिसर्च की गई और खाका तैयार किया गया था कि कहां पर आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है। इसी प्रेस वार्ता में बताया गया कि भारतीय सेना ने वो ट्रेनिंग कैंप भी उड़ा दिए जहां अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे खतरनाक आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी।

केवल आतंकवादी ठिकानों को बनाया गया निशाना

भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने आज सुबह 10.30 बजे शुरू हुई एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत की रातों-रात की गई सटीक सैन्य प्रतिक्रिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में लक्षित नौ आतंकी शिविरों और प्रशिक्षण सुविधाओं का चयन विश्वसनीय खुफिया इनपुट के आधार पर किया गया था। कर्नल कुरैशी ने कहा कि इन ट्रेनिंग कैंप को उपलब्ध खुफिया जानकारी की सावधानीपूर्वक समीक्षा के बाद चुना गया था और केवल आतंकवादी प्रतिष्ठानों को ही निशाना बनाने का ध्यान रखा गया था।

यहीं हुई थी कसाब और हेडली की ट्रेनिंग

बीते कई सालों में इन्हीं कैंप्स में भारत के खिलाफ होने वाले आतंकी हमलों की योजनाएं यहीं बनाई गई थीं। इन्हें अंजाम देने वाले कई आतंकी यहीं रहते थे। पुरुषों और महिलाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें भड़काने लोग भी यहीं से अपना एजेंडा चलाते थे। उन्होंने आगे कहा कि चुने गए लक्ष्यों में लाहौर से लगभग 40 किमी उत्तर में मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी प्रशिक्षण बेस भी शामिल था। इस बेस ने 26/11 के मुंबई हमलों के पीछे के आतंकवादियों अजमल कसाब और डेविड हेडली को प्रशिक्षित किया था, जिसमें 150 से अधिक लोग मारे गए थे।

साफ की गई ये बात

इस प्रेस वार्ता में एक बार फिर जोर दिया गया कि कार्रवाई केंद्रित, नपी-तुली और गैर-बढ़ावा देने वाली रही है। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत ने लक्ष्यों के चयन और निष्पादन के तरीके में काफी संयम दिखाया है। विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने इस पर खास जोर दिया और उन्होंने कहा कि बीते सालों में लगातार पाकिस्तान में आतंकवाद को पाला गया है।

Related Articles

Back to top button