धर्म

सबसे सुंदर चर्च में से एक सीहोर में, क्रिसमस के लिए सजेगा दुल्हन की तरह

विजय मालवीय

एमपी मीडिया पॉइंट

सीहोर जिले में स्थित ऑल सेंट्स चर्च को एशिया का दूसरा सबसे सुंदर चर्च माना जाता है। यह चर्च क्रिसमस के अवसर पर विशेष रूप से सजाया जा रहा है, और इसकी सजावट किसी दुल्हन की तरह की जा रही है। चर्च का निर्माण 27 वर्षों में हुआ था और आज भी यह अपने ऐतिहासिक गौरव को बनाए हुए है। इस चर्च की सुंदरता न केवल प्रदेश, बल्कि देशभर में प्रसिद्ध है और ईसाई धर्मावलंबियों के लिए यह श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है।ऑल सेंट्स चर्च का निर्माण 1834 में अंग्रेजी हुकूमत के पहले पॉलिटिकल एजेंट जेडब्ल्यू ओसबार्न ने अपने भाई की याद में करवाया था। यह भोपाल रियासत का पहला चर्च था, और अंग्रेज अधिकारी यहां प्रार्थना के लिए आते थे। चर्च के निर्माण में लाल पत्थरों का उपयोग किया गया है, और इसकी नक्काशी भी स्कॉटलैंड के चर्चों की शैली पर आधारित है। चर्च के आसपास बांसों के झुरमुट लगाए गए हैं, जो स्कॉटलैंड के चर्च के वातावरण को यहां महसूस कराते हैं।यह चर्च सीहोर के पास सीवन नदी के किनारे स्थित है, और यहां पहली बार 1860 में प्रार्थना की गई थी। तब से यह चर्च मसीही परिवारों के लिए एक धार्मिक केंद्र बन चुका है। चर्च का वास्तुशिल्प स्कॉटलैंड में बने चर्चों की तर्ज पर तैयार किया गया है, और इसके निर्माण में पर्यावरण के साथ तालमेल रखने का विशेष ध्यान रखा गया था।मसीह समाज के रविंद्र सनी मसीह के अनुसार, यह चर्च एक ऐतिहासिक धरोहर है और इसकी स्थापत्य कला भी अद्वितीय है। यह चर्च न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी महत्वपूर्ण है।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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