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पटवारी को सजा…

पटवारी को सजा…

एमपी मीडिया पॉइंट

शाजापुर 

विशेष न्यायालय, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम जिला शाजापुर ( मुकेश रावत) के द्वारा आत्माराम धानुक पिता बंशीलाल धानुक पटवारी हल्का नंबर 35 ग्राम महुपुरा तहसील व जिला शाजापुर को धारा 7 भ्र.नि.अधि. 1988 में तीन वर्ष का सश्रम कारावास और 10,000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

विशेष लोक अभियोजक सचिन रायकवार ने बताया कि, आरोपी आत्माराम धानुक ने दिनांक 07.05.2022 को व उसके पूर्व, पटवारी हल्का नंबर 35 ग्राम पंचायत महुपुरा तहसील शाजापुर में पटवारी के पद पर पदस्थ रहते हुए आवेदक योगेश पाटीदार से आवेदक योगेश पाटीदार द्वारा क्रय की गई भूमि के नामांतरण आदेश में त्रुटि सुधार हेतु 3,000/- रू रिश्वत की मांग की एवं दिनांक 13.05.2022 को सुबह 09:30 बजे से 10:00 बजे के मध्य, महुपुरा शाजापुर स्थित बंटी जैन के मकान के प्रथम तल पर स्थित किराये पर लिये गये उसके निजी कार्यालय में आवेदक योगेश पाटीदार से उक्त भूमि के नामांतरण आदेश में हुई त्रुटि के सुधार हेतु 3,000/- रू रिश्वत राशि प्राप्त की ।
लोकायुक्त पुलिस उज्जैन के द्वारा सम्पूर्ण अनुसंधान पश्चात चालान विशेष न्या‍यालय शाजापुर में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी सचिन रायकवार, विशेष लोक अभियोजक जिला शाजापुर द्वारा की गई।
माननीय न्यायालय के समक्ष विशेष लोक अभियोजक सचिन रायकवार के द्वारा लिखित अंतिम तर्क भी प्रस्तुत किये। अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुये आरोपी को माननीय न्यायालय द्वारा दण्डित किया गया ।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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