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सीहोर जिले से खास खबर : सीईओ डॉ. नेहा जैन ने विभिन्न स्थानों पर पहुंचकर किया अवलोक एवं निरीक्षण

सीहोर एक कदम आगे की ओर...

अश्वगंधा से निर्मित औषधीय सामग्रियों का जिला पंचायत सीईओ डॉ. नेहा जैन किया अवलोकन,

जिले में अश्वगंधा की खेती को किया जाएगा प्रोत्साहित..

सीहोर, 26 जून, 2025
एमपी मीडिया पॉइंट 

जिला पंचायत सीईओ डॉ नेहा जैन सीहोर स्थित आईटीसी चौपाल पहुंचकर अश्वगंधा एवं अन्य औषधीय पौधों से बनाई जाने वाली औषधीय सामग्रियों की निर्माण प्रक्रिया का अवलोकन किया। उन्होंने आईटीसी के विशेषज्ञों से औषधीय सामग्रियों के निर्माण और विक्रय प्रक्रिया के संबंध में विस्तार से चर्चा की। ताकि जिले में अन्य फसलों के साथ-साथ अश्वगंधा की खेती को प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि अश्वगंधा की खेती से किसान अच्छा मुनाफा अर्जित कर सकते हैं।
जिला पंचायत सीईओ डॉ नेहा जैन ने ग्राम कुलांस कला पहुंचकर किसान गजराज वर्मा द्वारा स्थापित मसाला एवं दाल यूनिट का भी अवलोकन किया और मसालों तथा दालों की प्रोसेसिंग प्रक्रिया में बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कुलांस कला में कुलांश नदी के उद्गम स्थल का भी निरीक्षण किया। इसके साथ ही उन्होंने ग्राम पिपलिया मीरा में पीएचई विभाग द्वारा बनाई गई पानी की टंकी से की जाने वाली जल प्रदाय प्रक्रिया का निरीक्षण किया और संबंधितों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान जनपद सीईओ श्रीमती नमिता बघेल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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