शासन की योजनाओ से वंचित है ग्राम पंचायत मोयापानी के रहवासी।
सरपंच/सचिव की लापरवाही बनी समस्याओं का कारण।
राजेश माँझी , इछावर एमपी मीडिया पॉइंट
हम बात कर रहे है इछावर जनपद पंचायत की आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत मोयापानी के विषय में जहा के रहवासी मूलभूत समस्याओं से गुजरने को मजबूर है।इस पंचायत के हालातों का पता तो इस बात से चलता है की यहां पर एक किराये के कमरे में ग्राम पंचायत का कार्यालय संचालित है। शुक्रवार को एमपी मीडिया पॉइंट की टीम ने जब दौरा किया तो पंचायत कार्यालय के ही कमरे को अस्त व्यस्त अवस्था में पाया गया।कमरे के आगे किसी प्रकार का कोई साइन बोर्ड नही लगा हुआ था। कमरे के अंदरूनी हालात यह थे की सरपंच,सचिव के टेबल पर धूल की परते बिझी हुई थी , कमरे में कचरा फैला हुआ जिससे पता चलता है की पंचायत कर्मी एवं जनप्रितिनिधि वहा यदा कदा ही पहुंचते है।
वैसे तो कई प्रकारों की समस्याओं से गुजर रही है यह ग्राम पंचायत। यहां के गरीब आदिवासी बताते है की हम पीने तक के पानी को लेकर मोहताज है।
इछावर ब्लाक में नई 7 पंचायतों का गठन किया गया था।जिसमे एक ग्राम पंचायत मोयापानी भी शामिल है।
इस गांव के रहवासी बताते है की हमे यह तक भी नहीं पता शासन द्वारा क्या योजना संचालित की जा रही है।खास बात यह है की यह पंचायत क्षेत्रफल के दृष्टि कोण से बड़ी है, लेकिन सुविधाओं के हिसाब से सबसे छोटी है।
पंचायत के मकान मालिक का कहना है की चार माह पूर्व कार्यालय मेरे कमरे में शिफ्ट हुआ था। पंचायत सचिव के कहने पर मैंने कमरा किराये पर दिया था।लेकिन मुझे किराया अभी तक भी नहीं मिला है। मैं संबंधित विभाग के उच्चाधिकारियों से गुजारिश करता हू की मुझे बकाया मासिक किराया दिलवाया जाए।
जबकि बतादे की कपिल धारा कूप निर्माण कार्य,शांतिधाम निर्माण कार्य, वशुदा वंदन कार्य,सामुदायिक निर्माण कार्य आदि आधे अधूरे है।इस संबंध में पंचायत सचिव आशाराम से बात करने की कोशिश की गई तो कॉल रिसीव नहीं कर पाए।
यह कहते है आधिकारी।
अगर ग्रामीणों को शासन की योजनाओ का लाभ नहीं मिल पा रहा है तो प्राथमिकता के आधार पर उनकी आसुविधाए और समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।इस संबंध में विभागीय कर्मचारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
शिवानी मिश्रा सीईओ,जनपद पंचायत इछावर