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सीहोर (मध्यप्रदेश) : एमपी मीडिया पॉइंट विशेष मुझे मालूम है पानी कहाँ ठहरा हुआ होगा….. — जयंत शाह

वेदना

सीहोर (मध्यप्रदेश) :
एमपी मीडिया पॉइंट विशेष

मुझे मालूम है पानी कहाँ ठहरा हुआ होगा…..

— जयंत शाह

सब्ज बाग कुछ यूं दिखाते हैं,
स्वर्ग यहीं होगा ।
हम मान जाते हैं।
वादों को कपट जाल तले बिछाते हैं।
किस्मत के मारे
हम जब इसमें फंस जाते हैं
तब पर हमारे कतरे जाते हैं ।

स्व. दुष्यन्त कुमार याद आते हैं, जो लिखते हैं–

“यहाँ तक आते-आते सूख जाती हैं कई नदियाँ,
मुझे मालूम है पानी कहाँ ठहरा हुआ होगा।

बतादें कि सीहोर के समाचार पत्रों में प्रमुखता से स्थानीय नेताओं के हवाले से समाचार प्रकाशित हुए हैं।
सीहोर में तीन बड़े उद्योग लगेंगे एवं सीहोर के सैकड़ो लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
यह कहा गया है कि सागर में आयोजित रीजनल कांक्लेव मैं घोषणा के अनुसार सीहोर में 1400 करोड़ की लागत से तीन बड़े उद्योग लगेंगे। जिसमें 1450 लोगों को रोजगार मिलेगा।
परंतु सीहोर के लोगों के लिए इस प्रकार की घोषणाएं होना और जमीन पर उनका साकार हो पाना
इस तरह की बातों पर विश्वास करना अब सहज नहीं रहा।
अब तक के अनुभव के अनुसार औद्योगिक विकास की घोषणाएं कई बार सीहोर के लिए की गई परंतु अलग-अलग बाहने एवं कारण बताकर प्रस्तावित योजना को अन्य जगह स्थानांतरित कर दिया गया।
या फिर उचित संसाधनों एवं कच्चे माल की कमी बताकर योजना रद्द कर दी गई।

अब मध्य प्रदेश में सत्तासीन पार्टी तो वही है हां लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा बदल गया है।
अब देखना यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की कार्यशैली में कुछ फर्क है या नहीं।
अब यह भी देखना होगा कि सागर मैं आयोजित रीजनल कांक्लेव मैं प्रस्तावित उद्योग का सीहोर में शिलान्यास एवं कार्य प्रारंभ हो जाता है, तथा समय अवधि में प्रस्तावित औद्योगिक इकाइयों का उद्घाटन भी हो पाता है या नहीं।
या ””वही ढाक के तीन पात”” वाली कहावत चरितार्थ होगी।

सीहोरवासी तो केवल यह आशा ही कर सकते हैं की जो कहा गया है और वैसा ही हो।

संदेहों की जेल में आशाएं हैं कैद,
किस पर दुर्दिन है खड़े ,
पहेरे पर मुस्तैद ।

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