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ब्रिजिशनगर/इछावर : 58 वर्ष बाद जैसे-तेसे बन रहा स्कूल भवन ठेकेदार की लापरवाही का हो रहा शिकार, सरपंच सहित ग्रामीणों ने लगाया घटिया निर्माण कार्य का आरोप

बीम-पिलर भी आउट, चार दिन बाद ही छत की सेंट्रिंग खोलना शुरु

ब्रिजिशनगर/इछावर, 29 अगस्त 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

भोपाल की आजादी के बाद 15 वर्ष बाद यानि सन् 1967 में इछावर तहसील के ग्राम ब्रिजिशनगर को शा. माध्यमिक शाला भवन की सरकार ने सौगात दी थी। करीब 18 वर्ष बाद मिडल का उन्नयन करते हुए शासन के शिक्षा विभाग ने शाला का स्तर हाइस्कूल कर दिया।
इछावर ब्लॉक में कई नवीन स्कूल भवनों का निर्माण हुआ लेकिन ब्रिजिशनगर हमेशा वंचित ही रहा।

ग्रामीण बताते हैं कि लाख कोशिशों के बाद अब सन् 2025 में ब्रिजिशनगर वासियों की मुराद पूरी होने जा रही है। ₹01करोड़,29लाख की लागत से निर्माण कार्य जारी है। लेकिन अफसोस यह है कि निर्माण एजेंसी भवन की गुणवत्ता पर बिलकुल भी ध्यान नहीं दे रही। और यदि इसी तरह का निर्माण कार्य जारी रहा तो हजारों लोगों की उम्मीद पर भविष्य में पानी फिरना तय है।

ग्रामीण बताते हैं कि ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में लापरवाही बरती जा रही है। मसाला उचित मापदंडानुसार नहीं लगाया जा रहा। बीम-कालम-पिलर आउट जा रहे हैं।
सरपंच शिव प्रसाद ठाकुर बताते हैं कि ₹01करोड़,30लाख की लागत से बन रहे इस भवन का छत अभी तीन-चार दिन पहले ही ढाला गया था। आज शुक्रवार को जाकर देखा तो मजदूर लोग सेंट्रिगं खोल रहे थे। सरपंच ने बताया कि भवन के छत को ठीक से पकने में कम से कम 20-22 दिन लग जाते हैं। ऐसे में इतनें कम समय में सेंट्रिंग हटाना कहां तक उचित है। हम क्या बताएं भवन के बीम-कालम-पिलर खुद घटिया निर्माण का अफसाना बयां कर रहे हैं। शासन से मांग है कि निर्माण कार्य पर समय रहते ध्यान दे वरना अगले कुछ वर्षों में ब्रिजिशनगर के लिये फिर स्कूल भवन की समस्या खड़ी हो जाएगी।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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