Blog

ई-उपार्जन पोर्टल पर 25 सितम्बर 2024 से 20 अक्टूबर तक किया जाएगा सोयाबीन का पंजीयन

सोयाबीन का पंजीयन

ई-उपार्जन पोर्टल पर 25 सितम्बर 2024 से 20 अक्टूबर तक किया जाएगा सोयाबीन का पंजीयन

सीहोर, एमपी मीडिया पॉइंट
सीहोर,24 सितम्बर,2024

भारत सरकार की प्राईस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत खरीफ (विपणन वर्ष 2024-25) के तहत ई-उपार्जन पोर्टल पर सोयाबीन का पंजीयन 25 सितम्बर 2024 से 20 अक्टूबर 2024 तक किया जाएगा। इसके साथ ही पंजीकृत किसानों एवं रकबे का सत्यापन 25 सितम्बर 2024 से 25 अक्टूबर 2024 तक किया जायेगा।

कलेक्टर प्रवीण सिंह ने सभी संबंधित अधिकारियों को पंजीयन की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पंजीयन केन्द्रों पर नियुक्त समिति के द्वारा कम्प्यूटर आपरेटर, निर्धारित हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन, निर्वाध विद्युत व्यवस्था, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण कम्प्यूटर, प्रिंटर डोंगल स्कैनर यूपीएस, लेपटाप, बैटरी ,कुर्सी टेबल, पेयजल, किसानों के बैठने के लिए छायादार स्थल आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जब किसान के भू-अभिलेख के खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। भू-अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज जानकारी में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। सत्यापन होने की स्थिति में ही वह पंजीयन मान्य होगा। सिकमी/बटाईदार/वनाधिकारी पट्टाधारी किसानों का पंजीयन सहकारी समिति एवं सहकारी विपणन संस्था द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र पर किया जाएगा। पंजीयन कंन्द्र पर किसान को आधार संबंधी दस्तावेज, आधार नंबर से पंजीकृत मोबाइल नंबर हो तथा सिकमीनामे की प्रति साथ में लेकर आना होगा। सिकमीनामें की प्रति ई-उपार्जन पोर्टल पर ऑपरेटर द्वारा स्केन कर अपलोड करनी होगी, इसके उपरांत ही पंजीयन की कार्यवाही पूरी होगी। सिकमी/बटाईदार/वनाधिकारी पट्टाधारी किसानों का शत-प्रतिशत सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा। किसानों को वनपट्टा एवं सिकमी अनुबंध की प्रति व अन्य दस्तावेज साथ में लाना अनिवार्य है। वनपट्टाधारक किसान के पंजीयन मे वनपट्टा कमांक खसरा रकबे एवं बोई गई फसल की प्रविष्टि की जाएगी।

सोयाबीन उपार्जन के लिए किसानों द्वारा पंजीयन के समय आधार कार्ड, खसरा नकल एवं बैंक पासबुक की प्रति पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। एनआईसी द्वारा यह सुविधा ई-उपार्जन पोर्टल में दी जायेगी। उपार्जन समितियों द्वारा किसानों के इन दस्तावेजों को प्रिंट कर संरक्षित रिकार्ड में रखा जाएगा।

Related Articles

Back to top button