Blog

सीहोर : पर्यावरण संरक्षण के मामले में नई पीढ़ी का जागरुक रहना जरुरी- मधु पाराशर

आयोजन

पर्यावरण संरक्षण के मामले में नई पीढ़ी का जागरुक रहना जरुरी- मधु पाराशर

सीहोर, 30 जुलाई 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

नई पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक रहते हुए पर्यावरण संरक्षण में भागीदारी भी निभानी है। उक्ताशय के उद्गार स्थानीय सेंट मेरी रेजिडेंशियल स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में सर्वहित कल्याण समिति की राष्ट्रीय अध्यक्षा मधु पाराशर वत्स ने व्यक्त किये। उन्होंने पौधरोपण को पर्यावरण के हितार्थ राष्ट्र भक्ति का विशिष्ट अंग मानते हुए विस्तार से अपने विचार प्रकट किए।

सीहोर स्थित सेंट मेरी रेजिडेंशियल स्कूल में पर्यावरण संरक्षण पर आधारित आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सर्वहित कल्याण समिति की राष्ट्रीय अध्यक्षा मधु पाराशर वत्स, विशेष अतिथि प्रदेश अध्यक्ष आनंद शुक्ला, भोपाल संभाग अध्यक्ष मुकेश दुबे उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष जीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण के साथ हुआ। तत्पश्चात विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर हरिओम शर्मा दाऊ देशभक्ति से खूबसूरत गीत की भी प्रस्तुति दी।

अतिथियों का स्वागत जयंत शाह, साहित्यकार संतोष जैन संतु, विनय भटेले,हेमलता राठौर, स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक गौर सर द्वारा किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय में मौजूद सभी छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण, एवं स्वच्छता की शपथ भी ग्रहण की। कार्यक्रम का सफल संचालन पण्डित शैलेश तिवारी द्वारा किया गया।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

Related Articles

Back to top button