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सीहोर : सन् 2023 से फरार धोखाधड़ी के इनामी आरोपी को आखिर पुलिस ने दबोचा

क्राइम रिपोर्ट

सन् 2023 से फरार धोखाधड़ी के इनामी आरोपी को आखिर पुलिस ने दबोचा

सीहोर, 11 सितंबर 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

बता दें कि 07 अप्रैल 2023 को फरियादी महेन्द्र वर्मा पिता कैलाश वर्मा, निवासी सतपिपलिया ने थाना मंडी में एक शिकायत आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था कि आरोपी तोमर चौधरी, पिता देवकरण चौधरी, निवासी सतपीपलिया के द्वारा फरियादी की सिविल ठीक करने के नाम पर 3,38,000 रूपये की धोखाधड़ी की गई थी।

फरियादी की रिपोर्ट पर आरोपी तोमर चौधरी, पिता देवकरण चौधरी, निवासी सतपीपलिया के विरूद्ध अपराध क्रमांक 202/202 3 धारा 420 भादवि का अपराध पंजीबद्ध किया गया था । आऱोपी घटना दिनांक से ही फरार था, जिस पर पुलिस अधीक्षक द्वारा ₹5000/ की इमान उद्घघोषणा की गई थी l

आज 11 सितंबर 2025 को सायबर सेल व तकनीकी साक्ष्य के आधार पर आरोपी तोमर चौधरी, पिता देवकरण चौधरी, निवासी सतपीपलिया को गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया। न्यायालय द्वारा आरोपी को जेल में दाखिल करने के आदेश किये गये।
एक बार फिर आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गिरफ्तार आरोपी का नाम- तोमर चौधरी पिता देवकरण चौधरी है जो ग्राम सतपीपलिया का निवासी है ओर पूरे प्रकरण को ट्रेस करने में निरी. सुनील मेहर , उनि दिनेश सहगल , सउनि जगदीश मसकोले ,प्रआर उमेश वर्मा,प्रआऱ सचिन जाट ,आऱ हुकुम की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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