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इछावर : 24 घंटे भी नहीं लगे अपह्रत बालिका सकुशल दस्तयाब

क्राइम रिपोर्ट

 24 घंटे भी नहीं लगे अपह्रत बालिका सकुशल दस्तयाब

इछावर, (एमपी)17 जुलाई 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

कल बुधवार 16 जुलाई 2025 को थाना इछावर पर एक पुरुष निवासी वार्ड नंबर 10 द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि दिनांक 15 जुलाई 2025 की शाम लगभग 4:00 बजे उनकी नाबालिग पुत्री घर से बिना बताए चली गई है।

परिजनों द्वारा रिश्तेदारों एवं गाँव में तलाशी के बावजूद कोई सुराग नहीं लगने पर उक्त पुरुष द्वारा थाना इछावर में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। जिस पर थाना इछावर में अपराध में अपराध क्रमांक: 220/25 धारा: 137(2) बीएनएस कायम किया गया ।

एसडीओपी भेरूंदा रोशन जैन के मार्गदर्शन में तथा थाना प्रभारी निरीक्षक पंकज वाडेकर इछावर के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम द्वारा निरंतर प्रयास एवं साक्ष्य संकलन के आधार पर नाबालिग बालिका को सीहोर बस स्टेंड क्षेत्र से दस्तयाब कर लिया गया।

बालिका के कथन एवं मेडिकल परीक्षण उपरांत उसे परिजनों को सुपुर्द किया गया। वहीं बालिका के कथन एवं कथन की वीडियो ग्राफी की गई साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय के समक्ष धारा 183(2 )बी एन एस के कथनार्थ पेश किया गया।

🔸 इस महत्वपूर्ण प्रकरण की सफल विवेचना, बालिका की दस्तयाबी में थाना इछावर की टीम —
सहायक उप निरीक्षक शशिकांत शर्मा,प्रधान आरक्षक 243 अनूप विश्वकर्मा एवं महिला आरक्षक क्रांति ,की सराहनीय भूमिका रही, जिन्होंने त्वरित एवं संवेदनशील कार्यवाही कर प्रकरण को सफलतापूर्वक निष्पादित किया।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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