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भूकंप : फिर तबाही का मंजर..

प्रलय की दस्तक !

भूकंप : फिर तबाही का मंजर..

मीडिया रिपोर्ट
टोंगा : दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित टोंगा द्वीप समूह के पास 7.1 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसके बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई है. जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के अनुसार, भूकंप का केंद्र टोंगा द्वीप से कुछ दूरी पर 10 किमी की गहराई में था.

क्या है अलर्ट?

यूएस सुनामी वार्निंग सिस्टम ने भूकंप के बाद तटीय इलाकों के लिए चेतावनी जारी की है. टोंगा, फिजी और समोआ जैसे नजदीकी द्वीपों में सुनामी की संभावना से इनकार नहीं किया गया है. स्थानीय अधिकारियों ने लोगों को तट से दूर रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है.

टोंगा क्यों है संवेदनशील?

टोंगा 170 से अधिक द्वीपों वाला एक प्रशांत देश है, जो भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियों के लिए जाना जाता है. 2022 में हुए हंगा टोंगा-हंगा हापाई ज्वालामुखी विस्फोट ने पूरे क्षेत्र में तबाही मचाई थी.

क्या भारत पर कोई असर?

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, भारत के तटीय इलाकों के लिए कोई खतरा नहीं है.

भूकंप के बाद म्यांमार में बड़े पैमाने पर तबाही
दो दिन पहले, म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप में 1,700 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. अनगिनत लोग जगह-जगह मलबे में दब गए. यहां के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले की सड़कों पर पड़े शवों से अब भयानक दुर्गंध फैलनी शुरू हो गई है. लोग अब भी अपने परिजनों की खोज में हाथों से मलबा हटाने में जुटे हुए हैं. भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार की मदद के लिए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ चलाया है।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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