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सीहोर : ताकि जेल से छूटने बाद लग जाएं हल्ले-रोजगार से..

गुड न्यूज़

जेल में बंदियों को दिया जा रहा ‘स्वावलंबन और दक्षता” प्रशिक्षण,
ताकि जेल से छूटने बाद लग जाएं हल्ले-रोजगार से..

सीहोर, 30 मार्च, 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष सतीश चंद्र शर्मा के निर्देशानुसार सीहोर स्थित जिला जेल में बंदियों के लिए दक्षता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके साथ ही विधिक साक्षरता शिविर भी आयोजित किया गया।

जिला विधिक प्राधिकरण की सचिव श्रीमती स्वप्नश्री सिंह ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीहोर द्वारा बैंक ऑफ इंडिया लीड बैंक एवं ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के सहयोग से बंदियों में दक्षता निर्माण और स्वावलंबन के लिए एक नई पहल प्रारंभ की गई है। जिसके अंतर्गत चिन्हित बंदियों को स्वरोजगार के लिए 10 दिवसीय वोकेशनल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में बंदियों को अगरबत्ती, साबुन, सर्फ एवं फिनाइल आदि निर्माण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बंदियों को स्वावलंबी बनाना जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस पहल का उद्देश्य है कि बंदी जेल से बाहर जाने के बाद स्वरोजगार कर स्वावलंबी बनें एवं आर्थिक रूप से मजबूत होकर भविष्य में किसी आपराधिक कार्य की ओर अग्रसर न हों। विशेष न्यायाधीश हेमंत जोशी, द्वितीय जिला न्यायाधीश एमके वर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती विनीता गुप्ता, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती स्वप्नश्री सिंह ने जिला जेल एवं प्रशिक्षण का निरीक्षण किया। इस दौरान जिला विधिक सहायता अधिकारी जीशान खान, जेल उप अधीक्षक श्रीमती ज्योति तिवारी, लीड बैंक मैनेजर अरूण कुमार शर्मा सहित प्रशिक्षण प्रदाता टीम के सदस्य एवं बंदीगण उपस्थित थे।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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