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व्यक्ति ने नर्मदा नदी में डूबने का रचा था चक्रव्यूह, पुलिस ने किया पर्दाफाश…

एमपी मीडिया सीहोर 
विजय मालवीय 

सीहोर के भैरूंदा के ग्राम निम्नगांव निवासी रमेश बाकोरिया मेला घूमने के दौरान ₹20000 चोरी हो गए थे। घर वालों के डर से खुद के ही गुम होने की साजिश रच डाली। बता दें कि 29 दिसंबर सोमवती अमावस्या को घर से नहाने के लिए निकला प्लानिंग के मुताबिक अपने बुआ के लड़के के साथ नर्मदा घाट पर बाइक खड़ी कर,वहाँ कपड़े रखकर बुआ के लड़के के साथ गाड़ी से रेहटी पहुंच गया। इधर परिजनों ने जब शाम तक घर नहीं लौटा तो गुमसुदगी की रिपोर्ट भेरूंदा पुलिस को दी। कपड़े एवं बाइक नर्मदा किनार पर खड़ी होना पाया गया। परिजनों को यह लगा कि नहाने के दौरान नर्मदा में डूब गया। पुलिस ने भी गोताखोरों की मदद से नर्मदा में ढूंढा प्रयास किया परंतु कुछ नहीं मिला। 2 दिन बाद रहस्यमय तरीके से व्यक्ति नहर के किनारे ग्राम डीमावर के पास पडा हुआ मिला सूचना मिलने पर पुलिस द्वारा सिविल अस्पताल भेरूंदा लाया गया। जहां से भोपाल रेफर कर दिया गया। पुलिस ने शक के आधार पर रमेश के बुआ के लड़के को बुलाकर शक्ति से पूछताछ की उसने सारा सच उगल दिया। कहा कि हमने तो गुम होने का नाटक किया था। परंतु कहीं पुलिस हम तक पहुंच ना जाए इसलिए नहर के किनारे जाकर वह लेट गया और मैंने पुलिस को सूचना दे दी।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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