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1009 प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा समझौता राशि रूपये 17 करोड़ 15 लाख 21 हजार 78 जमा हुई

लोक अदालत

जिला न्यायालय परिसर में नेशनल लोक अदालत आयोजित

1009 प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा समझौता राशि रूपये 17 करोड़ 15 लाख 21 हजार 78 जमा हुई

सीहोर, एमपी मीडिया पॉइंट,11 मई 2024

जिले में जिला एवं तहसील स्तर पर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सतीश चंद्र शर्मा ने किया। लोक अदालत में 1009 प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं समझौता राशि रूपये 17 करोड़ 15 लाख 21 हजार 78 जमा हुई।

  प्रधान जिला न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि हमें हर योजना को उसके मूर्त रूप में लागू कर आमजन को लाभान्वित करना चाहिए। आमजन को सस्ता सरल और सुलभ न्याय दिलाने का लोक अदालत एक प्रभावी है, जो वर्तमान समय में समाज के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत से लोगों का धन और समय दोनों की बचत के साथ ही आपसी सौहार्द भी बना रहता है। लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के त्वरित निराकरण से पक्षकारों का न्यायिक प्रक्रिया के प्रति विश्वास बढ़ता है, जिससे और अधिक न्याय प्राप्ति के लिए इच्छुक पक्षकार अपने विवाद लेकर न्यायालय के समक्ष आने के लिए प्रेरित होते है।

कुल 1009 प्रकरणों का किया गया निराकरण

नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण के लिए 23 खण्डपीठे गठित की गई जिनमें आमजन की समस्याओं को सुनकर त्वरित यथोचित निराकरण के निर्देश संबंधितों को दिये गये। नेशनल लोक अदालत में कुल 1009 प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं समझौता राशि 17 करोड़ 15 लाख 21 हजार 78 रुपये जमा हुए हैं।

 नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर निराकरण कराये जाने के लिए न्यायालय एवं उपभोक्ता फोरम में लंबित कुल 4 हजार 929 प्रकरण रखे गये थे जिनमें से 481 प्रकरणों का निराकरण आपसी राजीनामा के आधार पर हुआ एवं समझौता राशि 15 करोड़ 63 लाख 56 हजार 24 रुपये जमा कराई गई। इसी प्रकार नेशनल लोक अदालत की खंडपीठ के समक्ष कुल 17 हजार 691 प्री लिटिगेशन प्रकरण रखे गये थे जिनमें से 528 प्रकरणों का निराकरण हुआ एवं समझौता राशि 1 करोड 51 लाख 65 हजार 54 रुपये जमा कराई गई।

अलग-अलग रह रहे दंपति खुशी-खुशी साथ लौटे

नैशनल लोक अदालत में अनिल कुशवाह द्वारा अपनी पत्नि झंकार कुशवाह के विरूद्ध कुटुम्ब न्यायालय सीहोर में धारा 9 हिन्दू विवाह अधिनियम हेतु मामला प्रस्तुत किया गया था। दोनो का विवाह 2010 में सम्पन्न हुआ था एवं वर्तमान में उनकी तीन संताने है। पति-पत्नी के मध्य छोटी-मोटी पारिवारिक बातों को लेकर मतभेद हो गये जो कि विवाद में परिवर्तित होकर अलगाव की स्थिति निर्मित हो गई। इस प्रकरण में पारिवारिक मामला तथा छोटे बच्चों के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए न्यायालय ने लोक अदालत में समझाइश के पश्चात दोनों पक्षों ने राजीनामा कराकर साथ जाने पर सहमति व्यक्त की। साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के समन्वय से दंपति की समस्या के निराकरण के लिए संबंधित विभाग को निर्देश दिए गए। इस प्रकरण के राजीनामा करने के बाद दोनों पक्ष एक दूसरे को फूल माला पहनाकर खुशी-खुशी घर लौटे।

यह थे उपस्थित

कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय सुमन श्रीवास्तव, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश सजय गोयल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एमके वर्मा एवं अन्य न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम यादव, जिला विधिक सहायता अधिकारी जीशान खान, एलडीएम अरुण कुमार शर्मा, सत्य साईं विश्वविद्यालय सीहोर से फैकल्टी सदस्य एवं आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं, एनजीओ के प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, मुख्यालय सीहोर के पैनल एवं अन्य अधिवक्तागण लीगल एड डिफेंस काउंसिल्स, खण्डपीठ सदस्य, विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारीगण, पक्षकारगण न्यायालयीन कर्मचारी गण, पैरालीगल वालेन्टियर्स आदि उपस्थित रहे। राजीनामा करने वाले सभी पक्षकारों को प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा फूल माला एवं पौधे भी वितरित किए गए।

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