28 नवंबर से आरंभ होगा तीन दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव, साथ होगी श्री चिंतामणि पाश्र्वनाथ भगवान की प्रतिष्ठा
सीहोर की धरा पर लगातार तीन दिन तक चलेगे धर्मोत्सव...

28 नवंबर से आरंभ होगा तीन दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव, साथ होगी श्री चिंतामणि पाश्र्वनाथ भगवान की प्रतिष्ठा
सीहोर, 21 नवंबर 2025
एमपी मीडिया पॉइंट
सीवन नदी के किनारे सबसे ऊपर के टापू पर प्राचीन श्रीरामलीला मैदान के पास स्थित प्राचीन श्री चिंतामन पाश्र्वनाथ जैन मंदिर अब अपने नये स्वरुप में बनकर तैयार हो चुका है। राजस्थानी सफेद मार्बल से बने विशाल मंदिर में एक साथ करीब 11 जैन प्रतिमाओं की स्थापना की होगी। जिसमें मूलनायक जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर भगवान पाश्र्वनाथ रहेंगे।
मंदिर बनकर पूर्ण हो चुका है और इसकी रौनक और आकर्षण की चर्चा सीहोर नगर सहित दूर-दूर तक होने लगी है।
करीब 600 साल पुराना है मंदिर, तलघर में रखी थी मूर्तियॉं
सीहोर कस्बा मोहल्ले के प्राचीन श्वेतांबर जैन मंदिर में रखीं मूर्तियाँ 600 वर्ष से भी ज्यादा पुरानी मानी जाती हैं। समीपस्थ दिगंबर जैन मंदिर में भगवान शीतलनाथ की प्रतिमा पर वीर संवत् 1548 लिखा हुआ है, जो प्रतिमा के प्राचीन कालीन होने का स्पष्ट उदाहरण है। वहीं मंदिर में रखी कुछ धातु की प्रतिमाओं पर दर्ज संवत् से पता चलता है कि वे लगभग 1000 वर्ष पुरानी हैं।
करीब 150 वर्ष पहले मुगलों के हमलों से मूर्तियों को बचाने के लिए श्वेतांबर जैन मंदिर और आसपास के अन्य मंदिरों में बड़े प्रयास किए गए थे। उस समय इस मंदिर के अंदर नीचे तलघर बनाया गया था, जिसमें सभी मूल प्रतिमाएं सुरक्षित रख दी गई थीं और पूजा भी वहीं की जाती थी। पेशवाकाल में मंदिर वापस व्यवस्थित हुआ था, उसकी पुरानी बनावट की शैली में पेशवाकाल की झलक स्पष्ट नजर आती थी।
करीब ₹1करोड़ से निर्मित हुआ मंदिर
प्राचीन श्वेताम्बर जैन मंदिर का जीर्णोद्धार मालवा के जैनसंत आचार्य नवरत्न सागर जी म.सा. ने कराने का संकल्प लिया था। विगत लम्बे समय से यहॉ निर्माण कार्य जारी है। आचार्य विश्वरत्न सागर जी म.सा. के प्रयासों से लगभग एक से डेढ़ करोड़ रुपये का खर्च किया गया है। मंदिर बहुत ही विशाल और ऊँचा बनाया गया है। इसमें कुछ स्थानों पर मकराना सफेद मार्बल का भी उपयोग किया गया है। रंगमंडप में जमीन पर लगे मार्बल के ऊपर रंग-बिरंगे पत्थरों से बेल बनाई गई है। पूरे मंदिर में पत्थरों पर बारीक नक्काशी से अनेक चित्र उकेरे गये हैं। यहॉं श्री चिंतामणि पाश्र्वनाथ के अलावा श्री जीरावाला और श्री अंतरिक्ष पाश्र्वनाथ की प्रतिमाएं भी स्थापित होंगी।
अहमदाबाद के भूषण भाई का रहा विशेष सहयोग
अहमदाबाद के भूषण भाई ने इस मंदिर को पूर्णरूप देने में विशेष सहयोग दिया है। भूषण भाई अब तक 160 से अधिक मंदिरों की प्राण-प्रतिष्ठा में सम्मिलित हो चुके हैं और वहां हर तरह का सहयोग भी दे चुके हैं। सीहोर के प्राचीन जैन मंदिर में भी उनके अनुभव और सहयोग से आगामी 28 नवंबर से तीन दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारंभ होगा।



