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चल समारोह का मकसद सभी एकजुट होकर समाज के लिए काम करें-संयोजक डॉ. अजय पटेल

चल समारोह

चल समारोह का मकसद सभी एकजुट होकर समाज के लिए काम करें-संयोजक डॉ. अजय पटेल

सीहोर, एमपी मीडिया पॉइंट

हर्षोल्लास से निकाला गया भगवान जगदीश का भव्य चल समारोह
भगवान जगदीश की रथ यात्रा में भजनों पर झूमे भक्त

सीहोर। लगातार दूसरी बार अखिल भारतीय चंद्रवंशी क्षत्रीय खाती समाज के तत्वाधान में रविवार को शहर में निकली भगवान जगदीश की रथयात्रा देखने लायक रही। यात्रा संयोजक डॉ. अजय पटेल के नेतृत्व में भव्य तैयारियां की गई थी। इस वर्ष भी अखिल भारतीय चन्द्रवंशी खाती समाज द्वारा भगवान जगदीश की रथ यात्रा बड़े पैमाने पर धूमधाम से निकाली गई। शहर के प्रमुख मार्गो पर रथयात्रा का कई सामाजिक संगठनों द्वारा जगह-जगह स्वागत किया। इस मौके पर कोतवाली चौराहे पर विठलेश समिति की ओर से पंडित समीर शुक्ला, विनय मिश्रा, मनोज दीक्षित मामा, सौभाग्य मिश्रा, रविन्द्र नायक, महेन्द्र शर्मा सहित अन्य ने यात्रा के संयोजक डॉ. अजय पटेल, अध्यक्ष आकाश वर्मा पम्मू और जिला समिति के अध्यक्ष रघुनाथ वर्मा, पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल सहित अन्य का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।

चल समारोह के संयोजक डॉ. अजय पटेल ने बताया कि भव्य रथ यात्रा शहर के भोपाल नाका आवासीय स्कूल के समीपस्थ हनुमान मंदिर से आरंभ हुई। इससे पहले यात्रा का शुभारंभ आस्था और उत्साह के साथ हनुमान जी की पूजा-अर्चना और आरती के साथ किया गया था। चल समारोह शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए लीसा टाकीज पर समापन और महासभा में तब्दील हुआ। इस मौके पर मंच से समाजजनों ने अपने वरिष्ठजनों के संबोधन को सुना और पूरे उत्साह के साथ समारोह में भाग लिया। उन्होंने कहा कि चल समारोह का मकसद है कि सभी एकजुट होकर समाज के लिए काम करें। उन्होंने सभी से मिलकर आगे भी इसी तरह के आयोजन करते रहने की बात पर जोर दिया। निकाली गई इस भव्य जगदीश यात्रा को निकालने के लिए लंबे समय से तैयारियां की जा रही थीं। समाज के पदाधिकारी गांव-गांव पहुंचकर लोगों को इसके बारे में बता रहे थे। साथ ही शामिल होने की अपील कर रहे थे। आज जब यात्रा निकाली गई तो बड़ी संख्या में शहर सहित आस-पास के क्षेत्रवासी शामिल हुए। इसमें डीजे की धुन पर बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित रहे। चल समारोह में बैंड-बाजे के साथ प्रसिद्ध डमरू वादक मौनी बाबा डमरू वाले के सानिध्य में भस्म रमय्या भक्त मंडल द्वारा सुगंधित अष्टगंध, इत्र की बौछार के साथ झांझ व डमरू की लयबद्ध प्रस्तुति दी, ढोल-ताशे और भगवान हनुमान जी सहित अन्य की झांकी आकर्षण का केन्द्र रही।

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