इछावर

इछावर : राशन की दो-दो दुकानें संचालित करने वाली संस्थाओं पर शासन ने कसा शिकंजा,

नवीन राशन दुकानें खोलने की शासकीय कवायत

राशन की दो-दो दुकानें संचालित करने वाली संस्थाओं पर शासन ने कसा शिकंजा,

उन्हें कार्यमुक्त कर नई संस्थाओं को नियक्त किए जाने की कवायद शुरु,

नई संस्था द्वारा राशन दुकान खोलने को लेकर अनुविभागीय अधिकारी ने किए आदेश जारी

इछावर, एमपी मीडिया पॉइंट

मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश के तहत सीहोर ज़िले के इछावर अनुविभाग में एक विक्रेता द्वारा दो दुकान संचालन करने वाली संस्थाओं द्वारा दुकानों को नवीन संस्थाओं को दिये जाने हेतु शासन द्वारा कवायद शुरु हो गई है। एसडीएम जमील खान द्वारा संबद्ध ऐसी ग्राम पंचायतों की सूची जारी की गई है,जिसमें से महिला स्व सहायता समूहों, उपभोक्ता सोसाइटी, संसाधन सोसाइटी, वन समिति उत्पादन सोसाइटी, एवं सहकारिता सोसाइटी को भी दुकान दिये जाने का प्रावधान है।

जानकारी दे हुए एसडीएम जमील खान ने बताया कि नियमानुसार संस्था का पंजीयन एक वर्ष पूर्व का होना चाहिए और जिसमें दुकान विक्रेता समूह में महिला ही रहेगी
इछावर अंतर्गत जिन ग्राम पंचायतों में नवीन दुकानें खोली जानी है उनमें छापरी, आर्या, ढाबला राय, कुंडीखाल, गाजीखेड़ी सहित अन्य शामिल है।
आवेदन पत्र प्रकिया एवं पात्र संस्थाओं द्वारा निर्धारित प्रारूप में खाद्य विभाग इछावर को आफ़लाइन 27 मार्च तक जमा किए जा सकते हैं।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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