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अंडे की दुकान से बेच रहा था गांजा, भैरूंदा पुलिस के हत्थे चढ़ा दुकानदार…

क्राइम रिपोर्ट

अंडे की दुकान से बेच रहा था गांजा,
भैरूंदा पुलिस के हत्थे चढ़ा दुकानदार…

आरोपी के कब्जे से 350 ग्राम गांजा कीमत करीबन 06 हजार जप्त

सीहोर (एमपी): 21 जून 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा अवैध मादक पदार्थों के परिवहन, विक्रय के संबंध में चलाए जा रहे अभियान को देखते हुए सीहोर पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा मादक पदार्थ बेचने वालो के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे।
निर्देशों के परिपालन में पुलिस मुस्तैद थी तभी 20 जून 2025 को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि आरोपी द्वारा अपने मुर्गे की दुकान पर से अवैध मादक पदार्थ गांजा को बेचा जा रहा है। सूचना विश्वनीय होने से अति.पुलिस अधीक्षक सुनिता रावत व एसडीओपी महोदय के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी भैरूंदा निरीक्षक घनश्याम दांगी द्वारा एक टीम गठित की गई थी। टीम द्वारा अवैध मादक पदार्थ गांजा बेचनें वाले अकरम पिता बाबू उम्र 35 साल निवासी निम्नागांव को घेराबन्दी कर पकडा जिसके कब्जे से कुल 350 ग्राम गांजा कीमती करीबन 6000 रुपये जप्त किया गया।

पता चला कि आरोपी अवैध मादक पदार्थ गांजा का विक्रय कर गांव मे नशे का व्यापार कर अवैध लाभ प्राप्त करता था।

नाम पता आरोपी-
1. अकरम साह पिता बाबू साह, उम्र- 35 निवासी निम्नागांव थाना भैरूंदा जिला सीहोर

जप्त किया गया मश्रुका-
कुल 350 ग्राम गांजा कीमती करीबन 6000 रुपये

एएसआई पूजा सिंह राजपूत,
सब इंस्पेक्टर राजेश यादव
आरक्षक दीपक जाटव,
आनंद गुर्जर एवं निलेश शिवहरे की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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