इछावर

इछावर : नादान का नारंग वेयरहाउस फुल, गोदाम में ताले अन्नदातों के साथ कोताही बर्दाश्त के बाहर- राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा

कई गेहूं उपार्जन केंद्रों पर किसान असुविधाओं के शिकार

नादान का नारंग वेयरहाउस फुल, गोदाम में ताले
अन्नदातों के साथ कोताही बर्दाश्त के बाहर- राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा

इछावर, एमपी मीडिया पॉइंट

शुक्रवार 25 अप्रैल को इछावर के नादान स्थित गेहूं उपार्जन केंद्र पर सन्नाटा पसरा हुआ था। ♦ सहेली आजीविका स्व सहायता समूह ब्रिजिशनगर के सदस्य भी मौजूद नहीं थे, अलबत्ता कंप्यूटर पर किसानों के बिल जरुर बनाए जा रहे थे। और दो-एक व्यक्ति आ कारण नारंग वेयरहाउस के इर्द-गिर्द घूमते नजर आ रहे थे।
कक्ष में मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि गोडाउन फुल हो चुका और गेहूं खरीदी बंद है, आवारा पशु नहीं घुसे इसलिये गोदाम मे ताला जड़ दिया गया है।

समूह संचालिका आशा राठौर ने फोन पर बताया कि आज पेपर देने बाहर गई थी इसलिये खरीदी केंद्र पर नहीं पहुंच पाई।

खासबात यह है कि गोदाम क्यूं बंद है? इस बात की सूचना कहीं भी चस्पा नहीं की गई। मौजूद कर्मचारियों के बीच मौजूद एक शख्स ने बताया कि पूरे मामले से उच्चाधिकारी को अवगत कराया गया है। जबकि         फूड इंस्पेक्टर प्रकाश यादव का कहना है कि मैं अनभिज्ञ हूं

बता दें कि राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के इछावर क्षेत्र सहित समूचे सूबे में गेहूं उपार्जन केंद्रों पर 5 मई तक खरीदी की जाना है।

इस संबंध में मंत्री वर्मा का कहना है कि प्रदेश का शासन किसानों की सरकार है। अन्नदाताओं को यदि उपार्जन केंद्रों पर असुविधाजनक स्थिति से गुरना पड़ा और किसी भी समूह, कर्मचारी या अधिकारी ने कोताही बरती तो उन्हे बक्शा नहीं जाएगा।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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