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वेतन को तरसे सीखो कमाओ योजना के तहत रोजगार से लगे कई लड़के

बेरोजगार

वेतन को तरसे सीखो कमाओ योजना के तहत रोजगार से लगे कई लड़के

कंपनियों ने दिया दो माह में नौकरी से निकालने का अल्टीमेटम

सीहोर, एमपी मीडिया पॉइंट

सीहोर। सैकड़ों युवाओं को दो माह के अंदर नौकरी से निकालने का कंपनी ने अल्टीमेटम दे दिया है। मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना से प्रशिक्षण लेते हुए काम करने वाले अनेक शिक्षित युवक वापस बेरोजगार होने की कगार पर पहुंच गए है। सीखो कमाओ योजना के प्रशिक्षार्थी तीन माह से मानदेय को भी तरस गए है। हैरान परेशान कई युवाओं ने कलेक्टोरेट पहुंचकर मंगलवार को भारतीय युवा समिति प्रदेशाध्यक्ष जनम सिंह परमार के नेतृत्व में जनसुनवाई में दौरान डिप्टी कलेक्टर वंदना राजपूत और अम्बेडकर आईटीआई संस्थान के अधीक्षक को ज्ञापन दिया है।

मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के प्रशिक्षार्थियों ने बताया कि माह अप्रैल एवं मई का स्टायफंड का भुगतान कंपनी ने अबतक नहीं किया गया है। जिस कारण घर परिवार चलाना काफी मुश्किल हो गया है प्रशिक्षार्थी खर्च के पैसों को भी तरस गए है। स्वयं का पेट्रोल बाइक चलाकर नौकरी करने के लिए विवश हो रहे है इस के बाद भी कंपनी ने अगस्त माह से नौकरी से बाहर करने का अल्टीमेटम दे दिया है कंपनी के अधिकारियों का कहना है की कुल एक वर्ष के लिए हीं अनुबंध किया गया है।

प्रशिक्षार्थी जितेंद्र मालवीय ने कहा कि मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के प्रशिक्षार्थियों के साथ सरकार धोकाधड़ी कर रही है नियमित रोजगार देने का वादा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा किया गया था लेकिन अब चुनाव समाप्त होने के बाद ही योजना से जुड़कर बेरोजगारों को रोजगार देने वाली कंपनियां युवाओं को नौकरी से निकालने का अल्टीमेटम दे रही है। योजना अंतर्गत रोजगार से लगे युवकों को मानदेय भी काफी कम दिया जा रहा है प्रतिमाह 8 हजार रूपये मानदेय में घर चलाना काफी मुश्किल होता है।

मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के प्रशिक्षार्थी रविंद्र, सचिन वर्मा, अंकूर सेन, विपिन, शुभम वर्मा, नीलू वर्मा, गोलू वर्मा, आदेश कुमार, दिव्यांशू सोनी, अनिल वर्मा, अंकित वर्मा, अशोक कुमार, सुनील वर्मूा, संजय मालवीय, निखिल वर्मा, रवि वर्मा, राहूल वर्मा, जितेंद्र परमार ने जिले के विभिन्न विभागों में कार्यरत मुख्यमंत्री सीखो कमाओं योजना के प्रशिक्षार्थियों को मार्च, अप्रैल, मई जून माह का स्टायफंड भुगतान कराने और योजना अंतर्गत रोजगार से लगे युवाओं को नौकरी से नहीं निकालने कंपनियों को आदेशित करने की मांग कलेक्टर से की है।

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