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सीहोर के चार और बिलकिसगंज का एक कुल 05 जुआरी पुलिस के हत्थे चढ़े, ₹24,800 जब्त

क्राइम रिपोर्ट

सीहोर के चार और बिलकिसगंज का एक कुल 05 जुआरी पुलिस के हत्थे चढ़े,
₹24,800 जब्त

बिलकिसगंज/सीहोर, 09 जुलाई 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

कल यानी 08 जुलाई को जरिये विश्वसनीय मुखबीर से सूचना प्राप्त हुई कि बाहर से कुछ लोग आकर ग्राम तीनधार (बिलकिसगंज) के आसपास जुआ खेल रहे हैं।
थाना बिलकिसगंज की पुलिस ने प्राप्त सूचना से तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों (सीहोर) को अवगत कराया। साथ ही अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सीहोर, जिला सीहोर सुश्री पूजा शर्मा को भी अवगत कराया गया जिनके द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश प्राप्त हुए, तथा थाना स्तर पर थाना प्रभारी उप निरीक्षक संदीप मीणा के मार्गदर्शन में प्रधान आरक्षक सुनील वर्मा, प्रधान आरक्षक योगेश जाटव, आरक्षक तेजपाल सिंह, आरक्षक प्रमोद गढ़पाल, आरक्षक अंकित वर्मा, आरक्षक सचिन इनवाती को सम्मिलित कर टीम बनाई गई।
टीम द्वारा तीन धार बिलकिसगंज में स्थित तीन धार के पास स्थित कालोनी के निर्माणधीन सूने मकान में दबिश देकर पांच आरोपियो 01.अनिल राजपूत पिता करण सिंह निवासी इंदिरा नगर कॉलोनी सीहोर,
02. मुकेश मेवाडा पिता छतर सिंह निवासी फ्रीगंज बिलकिसगंज,
03.शुभम राठौड़ पिता सुनील निवासी दुर्गा कॉलोनी गंज सीहोर,
04.संतोष यादव पिता कैलाश चंद निवासी बड़ी ग्वाल टोली गंज सीहोर,
05. संतोष यादव पिता शंकरलाल निवासी बड़ी ग्वालटोली गंज सीहोर,
को जुआ खेलते हुए पकड़ा जिनके पास से कुल 24800 रुपए नगदी व 52 ताश के पत्ते जप्त किए गए ।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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