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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लापरवाही और विमानन विभाग के अधिकारियों के कारण क्रैश हुआ था अगस्ता हैलीकॉप्टर- विजया पाठक

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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लापरवाही और विमानन विभाग के अधिकारियों के कारण क्रैश हुआ था अगस्ता हैलीकॉप्टर

डीजीसीए द्वारा जारी जांच रिपोर्ट के बाद भी बघेल सरकार ने जिम्मेदारों पर नहीं की कोई कार्रवाई

बघेल सरकार की इस नजरअंदाजी ने हैलीकॉप्टर क्रैश की घटना को दिया अंजाम, भूपेश के किसी करीबी के होने की आशंका

विजया पाठक, एडिटर, जगत विजन (भोपाल)

अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान और केदारनाथ में हुए हैलीकॉप्टर क्रैश की दुर्घटना ने देश की विमानन सेवाओं पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यह प्रश्न आज उठाना इसलिए भी आवश्यक हो गया है क्योंकि इस घटना ने छत्तीसगढ़ में मई 2022 में हुए शासकीय हैलीकॉप्टर अगस्ता-109 क्रैश की घटना को दोबारा जीवित कर दिया है। तत्‍कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में हुई इस हैलीकॉप्टर क्रैश की घटना ने न सिर्फ प्रशासन बल्कि पूरी राज्य सरकार की विश्वसनीयता को सकते में डाल दिया। विगत विधानसभा चुनाव से पहले डीजीसीए द्वारा इस पूरे मामले की बारीकी से जांचकर आरोपियों को सजा देने के लिए तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार को इस संबंध में रिपोर्ट सौंप दी थी। लेकिन शासकीय कार्य में ढीला रवैया रखने वाले बघेल और उनकी चंडाल चौकड़ी ने इस पूरे मामले को दबा दिया और न ही दोषियों को सजा दी गई और ना ही डीजीसीए की रिपोर्ट पर कोई एक्शन लिया गया। सूत्रों के अनुसार इस पूरे मामले पर भूपेश बघेल ने जानबूझकर पर्दा डालने का प्रयास किया था क्योंकि इस हैलीकॉप्टर क्रैश से पहले उन्होंने इसी हैलीकॉप्टर के मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों रुपये चट कर लिये। यही इस पूरे मामले में प्रदेश सरकार का विमानन विभाग कठघरे में खड़ा हो गया और सड़क से लेकर विधानसभा तक विपक्ष ने कई बार इस विषय को उठाया लेकिन बघेल सरकार ने कभी इस पर कोई कार्रवाई करना जरूरी नहीं समझा।

घटना के बाद डीजीसीए ने बनाई थी जांच कमेटी

जानकारी के अनुसार जब मई 2022 में यह घटना हुई तो उसके बाद डीजीसीए ने तत्परता दिखाते हुए इस पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की। इसका सबसे बड़ा कारण यह था कि इस घटना में हैलीकॉप्टर के अंदर बैठे दोनों ही पायलट की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी। उसके बाद घटना की सही जानकारी पाने के लिए डीजीसीए ने यह हथकंडा अपनाया और हैलीकॉप्टर के ब्लैक बॉक्स की मदद से पूरी घटना की छानबीन की।

आगे भी हो सकती है अगस्ता जैसी घटनाएं

डीजीसीए के अनुसार लंबे वक़्त के बाद भी एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो की रिपोर्ट पर अमल ना करने से, हवाई दुर्घटनाओं का अंदेशा बना हुआ है। यह रिपोर्ट नौकरशाही के शीर्ष स्तर पर दबाये-छिपाये जाने का मामला संगीन ही नहीं बल्कि आपराधिक दायरे में बताया जा रहा है। यह रिपोर्ट राज्य सरकार के विमानन विभाग की कथनी और करनी पर सवालियां निशान उठा रही है। अगर सरकार का यही रवैया रहा और इस तरह की घटनाओं को सीरियस नहीं लिया गया। वह समय दूर नहीं जब राज्य में अगस्ता जैसी और भी घटनाएं होने की अंदेशा है। 136 पेज वाली इस जांच रिपोर्ट में हेलीकॉप्टर क्रैश होने के कई कारणों के साथ ही एविएशन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवालियां निशान लगाया गया है।

नहीं हुआ था नियमानुसार मेंटेनेंस

किसी भी हैलीकॉप्टर की यदि उसकी क्षमता से अधिक उड़ान भरी जाती है तो निश्चित ही उसका रखरखाव भी उच्च स्तर का होना चाहिए। लेकिन तत्कालीन छत्तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री और अधिकारियों ने इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया और हैलीकॉप्टर को मापदंडों के अनुसार मेंटेनेंस नहीं किया गया, जिसके कारण हैलीकॉप्टर क्रैश जैसी घटना हुई।

भूपेश सरकार ने छुपाए थे कई महत्वपूर्ण तथ्य

रिपोर्ट में कहा है कि दिसंबर 2021 में संगठन के फिक्स्ड विंग विमान से जुड़ी घटना के बारे में चालक दल और रखरखाव कर्मियों ने तथ्यों को छिपाया गया था। संगठन में उड़ान सुरक्षा के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है। संगठन में सुरक्षा संबंधी आंतरिक ऑडिट बिना उचित महत्व दिए किए जा रहे हैं। पिछले 05 वर्षों के दौरान इनमें से किसी भी ऑडिट में कोई निष्कर्ष नहीं निकाला गया है। डीजीसीए सीएआर सेक्शन 5, सीरीज एफ, भाग 1 के अनुसार सीएआर में दी गई आवश्यकताएं अनुसूचित हवाई परिवहन सेवाओं, कार्गो सेवाओं, गैर-अनुसूचित हवाई परिवहन सेवाओं में लगे सभी ऑपरेटरों पर लागू होती हैं।

जांच समिति को नहीं मिला था हैलीकॉप्टर का मेंटेनेंस रिकॉर्ड

रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि विभाग के पास अपने एओपी के तहत केवल 02 विमान हैं, जिनमें से हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और फिक्स्ड विंग बी 200 विमान दिसंबर 2021 में हुई घटना के बाद से लंबे समय तक ग्राउंडेड रहा, जो सुरक्षित विमान संचालन के लिए जिम्मेदार कर्मियों द्वारा कार्यों की खराब पूर्ति को दर्शाता है। यह भी दर्शाता है कि प्रबंधन द्वारा गतिविधियों की देखरेख पूरी लगन से नहीं की जाती है। हेलीकॉप्टर क्रैश होने की मूल वजह ‘टेलरोटर’ को बताया जा रहा है, समय सीमा समाप्त होने के बावजूद भी इसे बदला नहीं गया था। जबकि हेलीकॉप्टर का मेंटेनेंस रिकॉर्ड एविएशन विभाग से ही नदारद पाया गया।

इंटेलियन कंपनी ने किया था हैलीकॉप्टर का निर्माण

अगस्ता वेस्टलैंड हैलीकॉप्टर इटेलयन कंपनी का बनाया हुआ था। ये हैलीकॉप्टर 109 पॉवर एलिट मॉडल का था। खास बात है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में सरकारी हैलीकॉप्टर मैना के क्रेश होने के बाद अगस्ता वेस्टलैंड को 14 जुलाई 2007 को खरीदा गया था। 15 साल में प्रदेश सरकार का यह दूसरा हैलीकॉप्टर था जो क्रैश हुआ। इससे पहले राज्य सरकार का यूरोकॉप्टर मैना बालाघाट जिले के सरटेकरी व डोढहा पथरा जंगल में क्रैश हुआ था, जिसमें पायलट सहित चार लोगों की मौत हो गई थी।

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