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मध्यप्रदेश : कृषि मंत्री कंसाना के संरक्षण में चल रहे अवैध रेत उत्खनन के कार्य से वन विभाग ने उठाया पर्दा

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कृषि मंत्री कंसाना के संरक्षण में चल रहे अवैध रेत उत्खनन के कार्य से वन विभाग ने उठाया पर्दा

कृषि मंत्री के पुत्र कप्तान कंसाना पहुंचा रहे प्राकृतिक संपदा को नुकसान,                                                                 विजया पाठक, एडीटर “जगत विज़न”

मध्यप्रदेश में नर्मदापुरम से लेकर मुरैना चंबल तक अवैध रेत खनन का खुला का खेल चल रहा है। यह खेल आज से नही बल्कि पिछले 20 वर्षों से चल रह है जिस पर अंकुश लगाने में पहले शिवराज सिंह चौहान की सरकार नाकाम रही और अभी तक मध्‍यप्रदेश की सरकार ने इस दिशा में कोई विचार तक नहीं किया है। यही कारण है कि खनिज और वन संपदा से परिपूर्ण मध्यप्रदेश को आज माफियाओं की नजर लग गई है। जिसे देखो वही अपने ढंग से प्रदेश की प्राकृतिक संपदा को नुकसान पहुंचाने में लगा हुआ। आज यह विषय इसलिए सामने आया क्योंकि प्रदेश के ही कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना के पुत्र द्वारा अवैध रूप से किये जा रहे रेत खनन के कार्य से पर्दा उठ गया है। पिछले दिनों वन विभाग की एक टीम ने जिस डंफर चालक को रेत ले जाते हुए पकड़ा उसने होश उड़ा देने वाले राज खोले। ड्राइवर ने बताया कि यह डंफर बंकू कंसाना यानि प्रदेश के कृषि मंत्री के सुपुत्र का है।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में चंबल नदी से अवैध रेत उत्खनन और परिवहन का मामला सामने आया है। वन विभाग की टीम ने नेशनल हाइवे- 44 के पास कच्चे रास्ते से रेत ले जा रहे एक डंपर को पकड़ा। डंपर चालक दीवान ने पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया कि यह वाहन राज्य के कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना के बड़े बेटे बंकू उर्फ कप्तान कंसाना का है। इस घटना ने न केवल वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि प्रदेश की सियासत को भी गरमा दिया है। दरअसल, वन विभाग की टीम ने गश्त के दौरान चंबल नदी से रेत ले जा रहे डंपर को देखा। पीछा करने के बाद उसे एनएच-44 पर रोक लिया गया। डंपर को जब्त कर डिपो लाया गया, जहां मौजूद मीडियाकर्मियों ने ड्राइवर दीवान से पूछताछ की। ड्राइवर ने कहा, “यह डंपर बंकू भैया का है, जो मंत्री एदल सिंह कंसाना का बेटा है। मुझे हर दिन रेत भरकर उनके बताए स्थान पर डालना होता था। इसके बदले मुझे रोज़ 1000 रुपए मिलते थे।” उसने आगे बताया कि वह हाल ही में बायपास सड़क बनाने वाले प्लांट पर रेत डाल रहा था। ड्राइवर के मुताबिक, चंबल से बड़ी संख्या में ट्रैक्टर और ट्रक अवैध रेत का परिवहन कर रहे हैं, जिसमें लोडर भी लगे हैं। डंपर पर “SS Kansana” और ‘बंकू’ लिखा था, साथ ही दो मोबाइल नंबर (7049551111 और 9425144665) भी अंकित थे।

कंसाना के सुपुत्र ने किया आरोपों का खंडन
इस मामले में बंकू कंसाना ने आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा, “इस डंपर से मेरा कोई लेना-देना नहीं है, न ही मैं इस ड्राइवर को जानता हूं। सुबह 7:30 बजे मुझे इसकी जानकारी मिली। वीडियो में कुछ लोग ड्राइवर पर मेरा नाम लेने का दबाव बनाते दिख रहे हैं। यह ट्रक मेरा नहीं है। जांच से पता चला कि यह कैलारस के जंडेल सिंह कुशवाह का है। मैं रेत का व्यापार नहीं करता। ट्रक पर मेरा नंबर लिखा है, लेकिन कोई भी इसे लिख सकता है। यह एक साजिश है। मैं इसके खिलाफ मानहानि का दावा करूंगा, मेरे वकील से बात हो गई है।

लगातार हो रहा है अवैध उत्खनन
वन विभाग के एसडीओ भूरा गायकवाड़ ने कहा, “हमने रेत से भरा डंपर पकड़ा और चालक को गिरफ्तार किया। डंपर का मालिक कौन है, यह जांच का विषय है। वह नेता हो सकता है या नहीं भी। हम इसकी तह तक जाएंगे।” हालांकि, ऑफ-कैमरा अधिकारियों ने ड्राइवर के बयान को सही माना। यह कार्रवाई चंबल में अवैध रेत उत्खनन पर लगातार हो रही किरकिरी के बाद की गई।

कंसाना शब्द के कारण शुरू हुई सियासत
इस पूरे घटनाक्रम में मंत्री कंसाना के शामिल होने का अंदेशा लगते ही कांग्रेस पार्टी के नेता पूरी तरह से सक्रिय हो गये हैं और उन्होंने कंसाना और सरकार पर जमकर हमला बोला है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना ने हाल ही में भोपाल में कहा था, “मुरैना में कोई रेत माफिया नहीं है, ये पेट माफिया हैं जो पेट पालते हैं।” इस बयान के बाद अब उनके बेटे का नाम सामने आने से विवाद बढ़ गया है। हालांकि कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाते हुए सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर लिखा, “रेत माफिया को पेट माफिया कहने वाले मंत्री का बेटा भी रेत की माफियागिरी से पेट पाल रहा है। ट्रक पर नाम और ड्राइवर का बयान सबूत हैं। जब मंत्री का घर ही रेत से चल रहा हो तो पुलिस कार्रवाई कैसे करेगी?” कांग्रेस ने इसे सरकारी संरक्षण का उदाहरण बताया।

पहले भी लगे हैं आरोप
एंदल सिंह कंसाना और उनके परिजनों पर पहले भी अवैध रेत से जुड़े आरोप लगते रहे हैं। बंकू पर तीन साल पहले राजस्थान के धौलपुर में पुलिस से ट्रक छुड़ाने का केस दर्ज हुआ था। मुरैना के सराय छोला थाने में भी ऐसा ही मामला दर्ज है, लेकिन प्रभाव के चलते हर बार क्लीनचिट मिली। उनके नाती केपी कंसाना पर सीबीआई में भी केस दर्ज हो चुका है।

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