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अलविदा मनोज कुमार “भारत”

फिल्म जगत की यह तस्वीर कुछ बोलती है....

अलविदा मनोज कुमार “भारत”

फिल्म जगत की यह तस्वीर कुछ बोलती है….

राजेश शर्मा

मनोज कुमार की अभिनय शैली वास्तव में अद्वितीय थी! उन्होंने अपने अभिनय करियर में कई यादगार किरदार निभाए, जिनमें से अधिकांश देशभक्ति और सामाजिक न्याय की भावना से भरे हुए थे। वे आज देशवासियों को अंतिम सलाम ठोंक गए।

उनकी अभिनय शैली में एक अनोखी गहराई और भावनात्मकता थी, जो दर्शकों के दिलों तक सीधे पहुँचती थी। उन्होंने अपने किरदारों को इतनी जीवंतता और सच्चाई से निभाया कि दर्शक उन्हें अपने जीवन का हिस्सा मानने लगे।

मनोज कुमार की अभिनय शैली ने न केवल उन्हें एक महान अभिनेता के रूप में स्थापित किया, बल्कि उन्हें एक सच्चे देशभक्त और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी याद किया जाता है। देशभक्ति से ओतप्रोत उनके द्वारा अभिनीत फिल्में सदैव मानस पटल पर अंकित रहेंगी। पार्श्वगायक महेंद्र कपूर के कंठ मानों मनोज कुमार के लिए ही विधाता ने बनाए थे, सभी गीत हिट होकर आज भी प्रासांगिक हैं।

बता दें कि भारतीय सिनेमा के इतिहास में नौशाद का योगदान भी अतुलनीय है। उन्होंने हिंदी फिल्मों में संगीत की एक नई दिशा दी। उनके संगीत ने ‘मुगल-ए-आजम’, ‘बैजू बावरा’, ‘अनमोल घड़ी’, ‘शारदा’, ‘आन’, ‘संजोग’ जैसी कई फिल्मों को हिट बनाया और उन्हें कालजयी बना दिया ¹।

नौशाद ने अपने संगीत के माध्यम से कई नए गायकों को प्रोत्साहित किया, जिनमें सुरैया, अमीरबाई कर्नाटकी, निर्मलादेवी, उमा देवी आदि शामिल हैं। उन्होंने मुकेश की दर्दभरी आवाज का इस्तेमाल ‘अनोखी अदा’ और ‘अंदाज’ में किया और राज कपूर के लिए मोहम्मद रफी की आवाज का उपयोग किया ¹।

नौशाद के कुछ प्रसिद्ध गीत हैं:

– ‘मन तरपत हरि दर्शन..’ (बैजू बावरा)
– ‘ओ दुनिया के रखवाले..’ (बैजू बावरा)
– ‘मोहे पनघट पे नंद लाल’ (मुगल-ए-आजम)
– ‘प्यार किया तो डरना क्या..’ (मुगल-ए-आजम)
– ‘मधुबन में राधिका नाचे रे..’ (कोहिनूर)

नौशाद को उनके संगीत में उल्लेखनीय योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें फिल्मफेयर अवॉर्ड, दादा साहब फाल्के पुरस्कार, पद्म भूषण आदि शामिल हैं।

बता दें कि बिल्कुल! ऊपर की यह तस्वीर वास्तव में भारतीय सिनेमा के संगीत जगत के कुछ सबसे बड़े नामों को एक साथ दिखाती है। नौशाद, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और मनोज कुमार जैसी हस्तियों ने भारतीय सिनेमा को अपने योगदान से समृद्ध बनाया है।
आज जब मनोज कुमार हमारे बीच नहीं रहे तो यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि “फिल्म जगत” का एक ओर‌ अद्भुत सितारा (*) गगन से टूट गया।

एमपी मीडिया पॉइंट के करीब 23 लाख विजिटर्स ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित है।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी
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