Blog

सीहोर : दो ओर कांवड़ यात्रियों की मौत, अब तक मरने वालों की संख्या 04

आस्था बनी आफत

सीहोर : दो ओर कांवड़ यात्रियों की मौत, अब तक मरने वालों की संख्या 04

सीहोर, 06 अगस्त, 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

06 अगस्त को कांवड़ यात्रा में शामिल होने कुबैश्वर धाम सीहोर पहुंचे दो ओर यात्रियों की मौत हो गई है।

आज दिनांक 06 अगस्त 2025 को सीहोर में कांवड़ यात्रा में शामिल हुए दो श्रद्धालुओं का अलग-अलग समय में अलग-अलग स्थानों पर अचानक स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्हें तत्काल एंबुलेंस से जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया। जिला चिकित्सालय में डॉक्टर द्वारा दोनों व्यक्तियों को मृत घोषि‍त किया गया है। मृतकों में गुजरात के पंचावल निवासी 50 वर्षीय चतुरभाई पिता भूराभाई तथा हरियाणा के रोहतक निवासी 65 वर्षीय ईश्वर सिंह यादव पिता मवासीराम शामिल है। चतुरभाई का 06 अगस्त को लगभग दोपहर 12 बजे अस्पताल के पीछे स्थित आनंद होटल के पास अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया था तथा ईश्वर सिंह यादव का भी 06 अगस्त को ही लगभग शाम 04 बजे कुबेरेश्वर धाम में अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया था, जिन्हें तत्काल जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया था।

बता दें कि कल दो महिला श्रद्धालु की मौत हो गई थी। कावंड़ यात्रा को लेकर जिला प्रशासन ने माकूल इंतजामात किये हैं लेकिन अपेक्षा से अधिक लोगों का जमावड़ा दिक्कत का विषय बनता जा रहा है। कान फोड़ू डीजे को लेकर आम नागरिकों में असंतोष देखा जा रहा है।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

Related Articles

Back to top button