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मध्यप्रदेश के सलकनपुर में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा- जैविक खेती आज की महती आवश्यकता है

सलकनपुर में मंत्री,सांसद,विधायक एवं अनेक जनप्रतिनिधि एवं संतजन रहे उपस्थित..

मध्यप्रदेश के सलकनपुर में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा- जैविक खेती आज की महती आवश्यकता है

सेवा हमारी संस्कृति है – उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल

सलकनपुर में शरद पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित
कार्यक्रम को राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने भी किया संबोधित

सलकनपुर/सीहोर, 07 अक्टूबर, 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

समर्पण सेवा समिति सलकनपुर द्वारा शरद पूर्णिमा महोत्सव 2025 के अवसर पर स्वर्गीय प्रभाकर राव केलकर तथा स्वर्गीय भागवत शरण माथुर की स्मृति में पुरस्कार वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जैविक कृषि, गौसेवा तथा नर्मदा सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मां विजयासन की छत्र-छाया में सलकनपुर क्षेत्र में नर्मदा यात्रियों की सेवा और गौ माता की सेवा के लिए कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान है। राष्ट्र सेवी स्व. भगवत शरण माथुर और स्व. प्रभाकार राव केलकर की स्मृति में सेवाभावियों को सम्मानित करने का कार्य प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा सलकनपुर जिला सीहोर में शरद पूर्णिमा पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आयोजन से जुड़े पदाधिकारी गण को शरद पूर्णिमा पर हुए इस विशेष कार्यक्रम के लिए बधाई और शुभकामनाएं भी दीं।

समर्पण सेवा समिति, सलकनपुर द्वारा शरद पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर स्व. प्रभाकर राव केलकर की स्मृति तथा स्व. भगवत शरण माथुर की स्मृति में गोवंश आधारित जैविक कृषि पुरस्कार और उत्कृष्ट नर्मदा सेवा पुरस्कार प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को जानकारी दी गई कि समिति द्वारा उत्तम स्वामी जी के निर्देशन में नर्मदा परिक्रमा वासियों के लिए भोजन और ठहरने की व्यवस्था का कार्य किया जा रहा है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि शरद पूर्णिमा भारतीय संस्कृति का वह पर्व है जो हमें पवित्रता, सेवा और समर्पण का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि संतों के आशीर्वाद और उनके मार्गदर्शन से समाज में सद्भाव, नैतिकता और सेवा भावना का संचार होता है। उन्होंने कहा कि समर्पण सेवा समिति जैसे संगठन समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैविक खेती आज की महती आवश्यकता है, यह न केवल धरती को जीवंत रखती है बल्कि आने वाली पीढ़ियों को स्वस्थ जीवन का वरदान देती है। उन्होंने कहा कि महामंडलेश्वर ईश्वरानंद महाराज (उत्तम स्वामी) द्वारा सेवा का यह जो प्रकल्प चलाया जा रहा है वह न केवल सराहनीय है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक वैभव की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि समर्पण सेवा समिति द्वारा नर्मदा परिक्रमा वासियों के लिए भोजन और ठहरने की व्यवस्था जैसा पुण्य का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सेवा हमारी संस्कृति में है, आज इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वर्गीय भागवत शरण माथुर तथा स्वर्गीय प्रभाकर राव केलकर की स्मृति में गौवंश आधारित जैविक कृषि पुरस्कार तथा उत्कृष्ट नर्मदा सेवा पुरस्कार प्रदान किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा तथा कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल ने कहा कि उत्तम स्वामी द्वारा इस आश्रम के माध्यम से सेवा का जो कार्य किया जा रहा है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाना है ताकि आने वाली पीढ़ी संस्कारवान बने और देश के लिए हमेशा समर्पित रहे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कृषि भूमि में रासायनिक पदार्थों के उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है। इन रासायनिक उर्वरकों का नकारात्मक प्रभाव हमारे भोजन और हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि हमें जैविक खेती को अपनाना चाहिए और खेती में जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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