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सीहोर कलेक्टर ने बोरिंग पर लगाया पूर्णत: प्रतिबंध

सजा का भी प्रावधान...

सीहोर जिले में बोरिंग पर लगाया पूर्णत: प्रतिबंध

अशासकीय व निजी नलकूप खनन करने पर कलेक्टर द्वारा प्रतिबंध,

आदेश का उल्लंघन करने पर दो वर्ष का कारावास या 2000 रू जुर्माना या दोनों,

राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को बोरिंग मशीने को जप्त कर एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार होगा..

सीहोर,03 अप्रैल,2025
एमपी मीडिया पॉइंट

सीहोर जिले के सीहोर, श्यामपुर, आष्टा, जावर, इछावर, रेहटी, भैरूंदा एवं बुदनी नगर एवं ग्रामीण, में भू-जल संवर्धन के लिए जियोलोजिकल फार्मेशन अनूकुल नहीं होने, कृषि कार्य के लिए अत्याधिक भू-जल दोहन होने व रबी फसल के दौरान मावट नहीं होने से नलकूपों/हैण्डपम्पों का जल स्तर निरन्तर नीचे गिर रहा है व जल आवक क्षमता कम होती जा रही है। कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय खण्ड सीहोर के प्रतिवेदन अनुसार आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट उत्पन्न होने की संभावना है। कलेक्टर के निर्देशानुसार संबंधित अधिकारी द्वारा स्थिति का परीक्षण किये जाने पर यह परिलक्षित हुआ है कि यदि जिले के सभी विकासखण्डों /तहसीलों में वर्तमान जल स्त्रोत में उपलब्ध जल का पेयजल के अतिरिक्त अन्य प्रयोजनों के लिए उपयोग किये जाने पर प्रतिबंध नही लगाया गया तो ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट उत्पन्न होने की संभावना है।

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी, बालागुरू के. ने आदेश जारी करते हुए लिखा कि पेयजल परिरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत सीहोर जिले के सीहोर, श्यामपुर, आष्टा, जावर, इछावर, रेहटी, भैरूंदा एवं बुदनी, नगर एवं ग्रामीण को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित करता हूँ और धारा 4 (1) के अन्तर्गत उक्त क्षेत्र के समस्त जल स्त्रोतों, यथा बांध नदी, नहर, जलधारा, झरना, झील, जलाश्य, नाला, बंधान, नलकूप कुआ से किसी भी साधन से घरेलू प्रयोजन व निस्तार को छोडकर सिंचाई या औद्योगिक, व्यावसायिक अथवा किसी अन्य प्रयोजन के लिये पूर्व से अनुमति प्राप्त को छोडकर जल उपयोग करने के लिए प्रतिबंधित किया जाता है।

कलेक्टर के आदेशानुसार हैण्डपम्पों, नलकूपों में निरंतर भू-जल गिरावट को दृष्टिगत रखते हुये धारा 6 (1) के अन्तर्गत सीहोर जिले के सीहोर, श्यामपुर, आष्टा, जावर, इछावर, रेहटी, भैरूंदा एवं बुदनी, नगर एवं ग्रामीण में अशासकीय व निजी नलकूप खनन करने पर प्रतिबंध लगाया जाता है।जिले की सीमा क्षेत्र में नलकूप, बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी की अनुमति के बिना न तो प्रवेश करेगी (सार्वजनिक सड़कों से गुजरने वाली मशीनों को छोड़कर) और न ही बिना अनुमति के कोई खनन करेगी। राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीने जो अवैध रूप से जिले में प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करेगी अथवा नलकूप खनन, बोरिंग का प्रयास कर रही मशीनों को जप्त कर पुलिस एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार होगा। अधिसूचना का उल्लंघन करने पर म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 09 के अनुसार दो वर्ष तक के कारावास या दो हजार रूपये जुर्माना या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है।                   ——————————- +

संशोधित समाचार 

जिले में नलकूप के खनन पर कलेक्टर ने लगाया प्रतिबंध

सीहोर03 अप्रैल2025.                           एमपी मीडिया पॉइंट

            कलेक्टर बालागुरू के ने कार्यपालन यंत्री के प्रतिवेदन अनुसार ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए जिले के सभी ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में बिना अनुमति के नलकूप खनन को प्रतिबंधित किया है। कलेक्टर श्री बालागुरू के द्वारा जारी आदेशानुसार एसडीएम की अनुमति के बिना क्षेत्र में बोरिगं मशीन न तो प्रवेश करेगी (सार्वजनिक सडकों से गुजरने वाली मशीनों को छोडकर) और न ही नलकूप खनन कर सकेगी। जारी आदेशानुसार ग्रीष्मकाल के दौरान जल स्त्रोतों के जल का उपयोग केवल घरेलू प्रयोजन एवं निस्तार के लिए किया जा सकेगा। इसके अलावा पहले से अनु‍मति प्राप्त व्यक्तियों को छोड़कर अन्य व्यक्तियों के लिए सिंचाई, औद्योगिक, व्यावसायिक अथवा किसी अन्य प्रयोजन में जल उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह आदेश 31 जुलाई 2025 तक प्रभावशील रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने पर दो वर्ष तक के कारावास, दो हजार रूपये जुर्माना या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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