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सीहोर : सहकारिता कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन, करेंगे कलम बंद हड़ताल और मुख्यमंत्री आवास का भी करेंगे घेराव

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सहकारिता कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन, करेंगे कलम बंद हड़ताल और मुख्यमंत्री आवास का भी करेंगे घेराव

सीहोर, 20 अगस्त 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

सहकारिता कर्मचारियों ने पिछले दिनों अपनी मांगों को लेकर भोपाल में विन्धायंचल भवन का घेराव किया था। तीन सूत्रीय मांगों पर चर्चा हुई लेकिन जो उनकी मांगे थी अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं।

अब प्रांतीय कार्यकारिणी द्वारा निर्णय लिया गया कि कलम बंद हड़ताल और मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जायेगा जिसमें 54 हजार से अधिक सहकारिता कर्मचारी संघ के कार्यकर्ता एवं कर्मचारी शामिल होंगे।
क्योंकि पिछले समय जब विंध्याचल भवन का घेराव किया गया था तब भी केवल आश्वासन दिया गया लेकिन मांग पूरी नहीं हुई।

यह हैं प्रमुख मांगे-

60 प्रतिशत कर्मचारियों का जिला बैंकों में चयन आज तक नहीं हुआ, तत्काल चयन कराया जाये। अक्टूबर 2023 से प्रति विक्रेता 18 माह का 54000 जो मात्र 18 जिलों का निल है एवं 34 जिलों में अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। जिले के कर्मचारियों को तत्काल प्रदान किया जाये, बढ़ा हुआ वेतन जिले के कर्मचारियों को नहीं मिल रहा है उन्हें तत्काल शासन के आदेश अनुसार भुगतान करें‌। एवं सहकारिता कर्मचारियों की जो मांगे हैं सभी मांगे समय पर पूरी करें।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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