अब दो ही शस्त्र अपने कब्जे में रख सकता है लाइसेंसधारी, भावांतर योजना के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी..
मध्यप्रदेश

अब दो ही शस्त्र अपने कब्जे में रख सकता है लाइसेंसधारी, भावांतर योजना के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी..
सीहोर, 29 सितम्बर, 2025
एमपी मीडिया पॉइंट
भारत सरकार विधि एवं विधायी कार्य विभाग द्वारा जारी निर्देशानुसार मूल अधिनियम (आयुध अधिनियम 1959) की धारा-3 की उपधारा-2 में संशोधन के उपरांत अब शस्त्र लाइसेंस धारकों केवल दो ही शस्त्र अपने कब्जे में रख सकता है। तीसरा शस्त्र निकटतम पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी के पास या धारा 21 की उपधारा के प्रयोजन के लिये विहित शर्तों के अध्यधीन अनुज्ञप्तिधारी व्यौहारी के पास अथवा जहां ऐसा व्यक्ति संघ के सशस्त्र बलों का सदस्य है, वहां उस उपधारा में निर्दिष्ट किसी यूनिट शस्त्रागार में निक्षिप्त कराना होगा।
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी बालागुरू के. द्वारा जारी निर्देशानुसार जिले के ऐसे शस्त्र लाइसेंस धारकों जिनके पास दो से अधिक शस्त्र है वे अपने दो शस्त्रों को छोड़कर शेष शस्त्र संबंधित थाना अथवा वैध अधिकृत शस्त्र डीलर के पास जमा करें और जमा की पावती के साथ लाइसेंस बुक सहित जिला कार्यालय की लायसेंस शाखा में 30 सितंबर तक जमा करें। ताकि लाइसेंस पंजी से शस्त्र विलोपित किया जा सके। इन निर्देश के पालन में दो शस्त्रों के अतिरिक्त शेष शस्त्र जमा नहीं कराये जाने की स्थिति में नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
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भावांतर योजना के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी
सीहोर, 29 सितम्बर, 2025
एमपी मीडिया पॉइंट
सोयाबीन में भावांतर योजना के संबंध में कई प्रकार के भ्रम एवं मिथक चर्चा में हैं। जैसे कि भावांतर योजना में एफएक्यू मानक अनुसार किसान की जितनी उपज है सरकार उसे भावांतर योजना अन्तर्गत लाभ प्रदान करेगी। इसका अर्थ यह है कि किसी भी किसान को उसकी एफएक्यू की उपज का एमएसपी की राशि 5328 रूपये प्रति क्विंटल का लाभ प्रदान किया जायेगा।
एक मिथक यह है कि किसान अपने सोयाबीन के रकबे और उत्पादकता के आधार पर मंडी में सोयाबीन का भावान्तर योजना में लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इसका अर्थ यह है कि 40 प्रतिशत की ही विक्रय बाध्यता नहीं हैं। राज्य शासन द्वारा किसान के रकबे और उत्पादकता के आधार पर उपज को मंडी में भावांतर योजना में लाभ प्रदान करेगी। इससे अधिक मात्रा पर भी राज्य शासन द्वारा भावांतर की राशि का लाभ कृषकों को उनके खाते में प्रदान किया जायेगा।
भावांतर योजना के संबंध में एक भ्रम यह भी है कि व्यापारी द्वारा कार्टेल बनाकर रेट कम कर दिया जाएगा, जबकि खुली नीलामी कैमरे की निगरानी में होगी, जिसमें जिला प्रशासन का प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। यदि किन्हीं कारणों से सोयाबीन का बाजार मूल्य गिरता है तो सरकार मण्डी में एफएक्यू सोयाबीन की राशि का एमएसपी तक के भावांतर की राशि का लाभ प्रदान करेगी। इन बिंदुओं का सारांश यह है कि एफएक्यू सोयाबीन में मंडी से प्राप्त विक्रय राशि एवं राज्य शासन द्वारा भावांतर योजना की अंतरित राशि एमएसपी के बराबर की राशि का लाभ प्रदान किया जायेगा।