कुछ राज्यों के लिए आपदा बनी बारिश, भूस्खलन,यमुना नदी में जल स्तर तेजी से बढ़ा..दिल्ली के कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात
बहकती बरसात..

कुछ राज्यों के लिए आपदा बनी बारिश, भूस्खलन,यमुना नदी में जल स्तर तेजी से बढ़ा..दिल्ली के कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात
मीडिया रिपोर्ट, 05 सितंबर 2025
हिमाचल प्रदेश मानसून की शुरुआत से ही प्राकृतिक आपदा की चपेट में है. जबकि यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के कई हिस्सों में बाढ़ आ गई है।
दूसरी तरफ उत्तराखंड में हुई बारिश ने इस बार सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। लगातार उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में भारी बारिश हुई।भारी बारिश के चलते उत्तराखंड में सड़क, पुल, घर, खेत, होटल, होम स्टे, दुकानें क्षतिग्रस्त हुई है। 5 और 6 सितंबर के लिए देहरादून, बागेश्वर, नैनीताल में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
राज्य के मौसम विभाग के मुताबिक 10 सितंबर तक ही बारिश से लोगों को राहत के आसार हैं। 10 सितंबर तक कुछ जिलों में हल्की बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड मौसम विभाग के निर्देशक सीएस तोमर ने अगले सप्ताह बारिश से राहत मिलने की उम्मीद जताई है।
राजस्थान में ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी
मौसम विभाग ने राजस्थान के कई हिस्सों में अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की. विभाग ने गुरुवार को बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, सलूंबर एवं उदयपुर जिलों में अति भारी बारिश का ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है. इसके अलावा भी सिरोही, नागौर, पाली एवं टोंक समेत दर्जन भर जिलों में भारी बारिश की चेतावनी ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया है.
विभाग के मुताबिक आगामी तीन-चार दिन राजस्थान के कोटा, उदयपुर संभागों के कुछ भागों में मध्यम से भारी एवं कहीं-कहीं अति भारी बारिश हो सकती है. जयपुर, भरतपुर, अजमेर संभागों के कुछ भागों में माध्यम से कहीं भारी बारिश होने की संभावना है. जोधपुर, बीकानेर संभागों के कुछ भागों में आगामी दिनों में बारिश की गतिविधियां तेज होंगी. जोधपुर संभाग में पांच से सात सितंबर तक कहीं-कहीं भारी एवं अतिभारी बारिश होगी.
कश्मीर घाटी का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क टूटा
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित प्रमुख सड़कों को बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन होने तथा मलबा आ जाने के कारण यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. जिससे कश्मीर घाटी का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है. जम्मू रेलवे मंडल में रेल यातायात बीते नौ दिनों से बंद है. 26 अगस्त को भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ के बाद पठानकोट-जम्मू खंड में कई स्थानों पर पटरियां धंस गई थी.
दूसरी और जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में रतले बिजली परियोजना के अस्थायी शेड भूस्खलन की चपेट में आ गए. जिसके बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच लोगों को सुरक्षित वहां से बाहर निकाला.