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सीहोर जिले के रेहटी में किसानों यूरिया ने रुलाया, दिनभर. हजारों किसान हुए परेशान, कांग्रेस प्रदेश सचिव विक्रम मस्ताल ने सुलझाया मसला

खेती-किसानी

सीहोर जिले के रेहटी में यूरिया खाद के लिए मचा हाहाकार,हजारों अन्नदाताओं का वितरण केंद्र के प्रांगण में जमावड़ा,कांग्रेस के सीनियर लीडर विक्रम मस्ताल के हस्तक्षेप पश्चात बमुश्किल खुले वितरण केंद्र के पट

हाइलाइट्स

केंद्रीय कृषि मंत्री के क्षेत्र में खाद के लिये परेशान,
रेहटी के खाद वितरण केंद्र पर लगा हजारों किसानों का जमावड़ा,
किसानों को काँग्रेस सीनयर लीडर ने दी समझाइश, खुलवाया केंद्र का ताला,
केंद्र प्रभारी ने जब जोड़े हाथ तो विक्रम ने कहा- श्रीमान आप भी तो है किसान पुत्र..जरा समस्या तो समझिए

रेहटी/सीहोर, 17 जुलाई 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

  • सीहोर जिले में इन दिनों किसानों को खाद की किल्लत से गुजरना पड़ रहा है जबकि यह केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृहजिला है। जिले में खाद का संकट वास्तविक है या कृत्रिम जिसे जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाहियों ने उत्पन्न कराया है!!
    मैदानी हालात देख कर सोचने में आता है कि आखिर किस-किस सामग्री के लिए लाइन लगे रहें अन्नदाता…
    ताजा मामला रेहटी मंडी खाद वितरण का है।
    आखिर छोटे किसान ही होते हैं परेशान। बड़े किसानों के पास कहां से पहुंचता है ट्रक के ट्रक यूरिया खाद वितरण की सूचना डालने के बाद भी कोई भी खाद वितरण अधिकारी मौजूद नहीं रहता है।सवाल यह उठता है कि आखिर कहां जाएं किसान? जबकि खाद की इस समय किसानों को सख्त आवश्यकता महसूस हो रही है।

कांग्रेस नेता विक्रम मस्ताल शर्मा ,ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष प्रेम गुप्ता,मलखान सिंह चंद्रवंशी,विष्णु ठाकुर आदि समाजसेवी बेहाल किसानों के साथ मौके पर उनकी समस्या को सुलझाने के लिए मौजूद दिखाई दे रहे थे।
मीडिया टीम जब यूरिया खाद वितरण केंद्र के प्रांगण में पहुंची तो नेताद्वय संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे, इन्हीं ने खाद वितरण केंद्र को खुलवाया और उन्हे बताया कि ग़रीब किसान आज खाद के लिए परेशान हैं। उसे उसका हक़ का खाद पर्याप्त मात्रा में दिया जाए क्योंकि अत्यधिक वर्ष के कारण फ़सलें ख़राब हो रही हैं। यदि उसे पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिला तो फ़सलें नष्ट हो जाएंगी और उन्होंने कहा- ये हाल कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जी की विधान सभा का है तो पूरे भारत और मध्य प्रदेश का क्या होगा? सोचा जा सकता है।

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