अच्छी खबर मध्यप्रदेश के सीहोर से… स्पॉन्सरशिप योजना से अवंतिका के बच्चों की उम्मीदों को मिली नई उड़ान
मिटा अंधेरा,आया उजियारा

अच्छी खबर मध्यप्रदेश के सीहोर से…
स्पॉन्सरशिप योजना से अवंतिका के बच्चों की उम्मीदों को मिली नई उड़ान,
संकट की घड़ी में स्पॉन्सरशिप योजना बनी सहारा
सीहोर, 11 जुलाई, 2025
एमपी मीडिया पॉइंट
गरीबी और विपत्तियां जब जीवन के द्वार पर दस्तक देती हैं, तब सरकारी योजनाएं यदि संवेदनशीलता से लागू हों, तो वे किसी देवदूत से कम नहीं होतीं। ऐसी ही एक जनकल्याणकारी योजना है स्पॉन्सरशिप योजना। जो मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जरूरतमंद बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए चलाई जा रही है। स्पॉन्सरशिप योजना, सरकार की एक संवेदनशील और व्यावहारिक पहल है, जो बच्चों को उनके परिवार में ही सुरक्षा, शिक्षा और सम्मान के साथ आगे बढ़ने का अवसर देती है।
सीहोर निवासी श्रीमती अवंतिका चौहान भी उन्हीं महिलाओं में से एक हैं जिनके दो बेटों को इस योजना का लाभ मिला है। श्रीमती अवंतिका चौहान कहती हैं कि उनके जीवन में अचानक अंधकार तब छा गया, जब एक सड़क हादसे में उनके पति का निधन हो गया। घर चलाने वाले का साया उठ गया और दो छोटे बेटों की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। उनकी सबसे बड़ी चिंता थी कि बच्चों की पढ़ाई और भविष्य का क्या होगा। जब सभी रास्ते बंद से लगने लगे, तभी उन्हें अपने वार्ड की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से इस योजना की जानकारी मिली। उन्होंने आवेदन किया और कुछ ही समय बाद उनके दोनों बेटों को दो-दो हजार रूपये प्रतिमाह मिलने लगे। इस योजना के तहत मिलने वाली राशि से श्रीमती अवंतिका के दोनों बेटों की पढ़ाई को नई दिशा मिली। उनके दोनों बेटे नियमित रूप से स्कूल जाते हैं और मन लगाकर अपनी आगे की पढ़ाई कर रहे हैं। श्रीमती अवंतिका चौहान कहती हैं कि यह योजना सिर्फ सहायता राशि नहीं देती, यह टूटे हुए परिवारों को फिर से खड़े होने की ताकत भी देती है। इस योजना के लिए श्रीमती अवंतिका चौहान ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एवं प्रदेश सरकार को धन्यवाद दिया है।
क्या है स्पॉन्सरशिप योजना
यह योजना महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित एक योजना है। यह योजना गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे उन बच्चों के लिए संचालित की जा रही है जिनके माता-पिता नही हैं अथवा माता-पिता में से किसी एक का निधन हो गया है तथा जिनके पास भरण-पोषण या शिक्षा का कोई स्थायी साधन नही है। इस योजना के तहत चयनित प्रत्येक बच्चे को दो हजार रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। इस योजना के लिए जिले की बाल कल्याण समिति या जिला बाल संरक्षण इकाई के माध्यम से आवेदन किया जाता है। इसके पश्चात घर की स्थिति की जांच की जाती है तथा पात्र पाए जाने पर योजना स्वीकृत होती है और राशि मिलना प्रारंभ होती है।