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इछावर : नायाब मास्टर अब्दुल हई के रिटायरमेंट पर स्कूली बच्चों समेत गांव के बाशिंदों ने दी विदाई

आयोजन/विदाई समारोह

नायाब मास्टर अब्दुल हई के रिटायरमेंट पर स्कूली बच्चों समेत गांव के बाशिंदों ने दी विदाई

इछावर, 31 अगस्त 2025
एमपी मीडिया पाइंट

गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल कोलूखेड़ी के नायब टीचर अब्दुल हई इछावर के रिटायर होने के मौके पर आज उनकी शिक्षक के रूप में सेवा पूर्ण होने पर उन्हें विदाई देने के लिए न सिर्फ़ स्कूल के साथी शिक्षक बल्कि पूरे ग्राम से आए लोग ,बच्चे, बूढ़े और औरतें इस मौक़े पर उपस्थित रहे।

सभी की आँखों और चेहरों पर जनाब हइ प्रति सम्मान और सेवा की भावना साफ़ नज़र आ रही थे, आख़िर क्यों न हों.. ज़िंदगी के पूरी सर्विस के दौरान आपने न सिर्फ़ बच्चों को पढ़ाया बल्कि गरीब आदिवासियों के बच्चों को कपड़े पहनाने का काम भी किया। कभी भूखों को खाना खिलाने का काम किया, कभी लोगों को ठंडे पानी की केने वितरित कीं।

जहाँ बरादराने वतन में समाज सेवा का काम किया है वहीं मुसलमानों मे रीति रिवाज़ ,बेज़ा रस्में और समाज में व्याप्त रूढ़िवादी सोच को बदल कर इस्लामी सोच पैदा करने की कोशिश की और लगातार कर रहे हैं। जनाब हई आज के ऐसे हालात में भी बरादरआने वतन के लिए सम्माननीय और प्रेरणादायक शिक्षक ही नहीं बल्कि उनके दुख दर्द में काम आने वाले सच्चे दोस्त भी रहे।

इसी लिए आज उनकी विदाई समारोह पर इस आदिवासी गांवों का न सिर्फ़ बच्चे बल्कि यहाँ रहने वाले बुजुर्गों व महिलाओं की आँखों में भी आपके लिए सम्मान के आँसू नज़र आ रहे हैं। और इस बात को सार्थक करते कि,  हालात कैसे भी हों मोमिन अपने कामों से लोगों के दिलों में जगह बना लेता है।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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