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शाहगंज पुलिस का काबिल-ए-तारीफ़ काम, भ्रमण के दौरान पुलिस वालों को बालक मिला अकेला, पुलिस ने एक घंटे में खोजकर माता-पिता को किया सुपर्द

सत्य मेव जयते

शाहगंज पुलिस का काबिल-ए-तारीफ़ काम,
भ्रमण के दौरान पुलिस वालों को बालक मिला अकेला, पुलिस ने एक घंटे में खोजकर माता-पिता को किया सुपर्द

शाहगंज(एमपी), 21 जुलाई 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

आज सोमवार 21 जुलाई 2025 को थाना शाहगंज के अंतर्गत भ्रमण के दौरान प्रधान आरक्षक दीपक यादव, आरक्षक चालक दिनेश गठोले एवं सैनिक चिंतामन साहू को शाहगंज कस्बे में रोड पर एक लगभग 2-3 वर्षीय बालक अकेला मिला।
बालक के आसपास कोई परिजन उपस्थित नहीं थे।

टीम द्वारा तत्परता दिखाते हुए तत्काल आसपास के मोहल्लों में एवं शाहगंज क्षेत्र में बच्चे के परिजनों के संबंध में पूछताछ की गई। साथ ही, सोशल मीडिया व व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से भी परिजनों की जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया गया, किंतु कोई ठोस जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी।

इसके पश्चात थाना प्रभारी के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में पुलिस टीम द्वारा बच्चे के प्रति संवेदनशीलता प्रदर्शित करते हुए गंभीरता से कार्रवाई की गई। निरंतर प्रयासों एवं तलाश के परिणाम स्वरूप मात्र 1 घंटे के भीतर उक्त नाबालिक बालक की पहचान कर उसे सकुशल उसकी माता को सुपुर्द किया गया।

थाना शाहगंज पुलिस की त्वरित एवं मानवीय कार्रवाई के लिए बालक के परिजनों ने आभार प्रकट करते हुए पुलिस की सराहना की।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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