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भू-स्खलन के कारण सूडान एक पूरा गांव धरती में समाया, 1000 लोगों की मौत

प्राकृतिक अ‍ापदा

मीडिया रिपोर्ट, 02 सितंबर 2025:

सूडान लिबरेशन मूवमेंट/आर्मी (SLM/A) के नेता अब्दुलवाहिद मोहम्मद नूर ने बताया कि सूडान एक पूरा गांव अब पूरी तरह मिट्टी में समा चुका है। भू-स्खलन के कारण एक हजार लोगों की मौत हो गई है।
उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र दारफुर में आता है और इस समय सूडानी सेना और अर्धसैनिक बल RSF (Rapid Support Forces) के बीच चल रहे युद्ध से पीड़ित है। युद्ध के कारण कई लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में मार्रा पहाड़ियों की ओर भागे थे।

भूख और बीमारियों से जूझ रहे लोग

SLM/A ने बताया कि इस इलाके में पहले ही खाने-पीने और दवाओं की भारी कमी थी। यहां लोग युद्ध से जान बचाकर शरण लेने आए थे, लेकिन अब भूस्खलन ने उनकी आखिरी उम्मीद भी छीन ली।

संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील

गठन ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय राहत संगठनों से मदद की अपील की है ताकि मलबे में दबे शवों को बाहर निकाला जा सके और जो लोग अभी ज़िंदा हैं, उन्हें तत्काल राहत मिल सके। मृतकों में पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

युद्ध से तबाही की पृष्ठभूमि

पिछले दो वर्षों से सूडान में गृहयुद्ध जारी है। सूडानी सेना और RSF के बीच लड़ाई ने हालात को और भी बदतर बना दिया है। देश की आधी से ज्यादा आबादी भुखमरी के कगार पर है और लाखों लोग अपने घर छोड़कर पलायन कर चुके हैं। दारफुर का प्रमुख शहर अल-फाशिर इस समय युद्ध की चपेट में है और वहां लगातार हमले हो रहे हैं।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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