कार्रवाई

सीहोर/आष्टा कीटनाशक दवा विक्रेता फर्म मे. अम्बिका पाटीदार ट्रेडर्स की दुकान सील, आष्टा क्षेत्र में अमानक फफूंदनाशक दवा बेच रहा था दुकानदार

हदपार...भ्रष्टाचार

कीटनाशक दवा विक्रेता फर्म मे.
अम्बिका पाटीदार ट्रेडर्स की दुकान सील,

आष्टा क्षेत्र में अमानक फफूंदनाशक दवा बेच रहा था दुकानदार

सीहोर/आष्टा, 07 जुलाई, 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

आष्टा के कन्नोद रोड़ स्थित कीटनाशक दवा विक्रेता मेसर्स अंम्बिका पाटीदार ट्रेडर्स को अमानक फफूंदनाशक दवा बेचने पर सील कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि आष्टा विकासखंड के लगभग 115 से 120 किसानों ने सोयाबीन बीज के उपचार के लिए SPUR 709 नामक फफूंदनाशक दवा मेसर्स अम्बिका पाटीदार ट्रेडर्स से खरीदी थी। इस दवा की निर्माता कम्पनी Universal Agro chemical industries Nagpur है।

इस दवा के उपयोग के बाद फसल में अंकुरण आया लेकिन पौधों में वृद्धि नहीं हो पाई। इस संबंध में किसानों ने ज्ञापन दिया कि क्षेत्र की लगभग 1500 एकड़ की सोयाबीन फसल नष्ट हो गई हैं। इस शिकायत की जांच के लिए कृषि विभाग ने सहायक संचालक के नेतृत्व में टीम गठित की गई थी। जांच में टीम द्वारा शिकायत सही पाई गई। शिकायत सही पाए जाने पर दवा विक्रेता की दुकान मेसर्स अम्बिका पाटीदार ट्रेडर्स को सील कर दिया गया है।
इसके साथ ही कृषि विभाग द्वारा संबंधित विक्रेता और निर्माता कंपनी को निर्देश दिए गए हैं कि जिन किसानों का नुकसान हुआ हैं उन किसानों से समन्वय स्थापित कर समस्या का निराकरण करें और 03 दिनों में विभाग को अवगत कराएं। निराकरण न करने की स्थिति में विक्रेता और निर्माता कंपनी के विरूद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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