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सीहोर : योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मानसिक शांति, तनाव नियंत्रण और बेहतर कार्यप्रदर्शन के लिए भी अत्यंत उपयोगी- एसपी दीपक कुमार शुक्ला

पुलिस विभाग में योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित..

सीहोर : योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मानसिक शांति, तनाव नियंत्रण और बेहतर कार्यप्रदर्शन के लिए भी अत्यंत उपयोगी
– एसपी दीपक कुमार शुक्ला

सीहोर,21 जून 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सीहोर पुलिस की विभिन्न इकाइयों में योग शिविर का आयोजन किया गया |

शनिवार 21 जून 2025 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सीहोर जिला पुलिस द्वारा जिले की विभिन्न पुलिस इकाइयों में योग शिविरों का आयोजन किया गया। योग शिविर में पुलिस अधीक्षक सीहोर दीपक कुमार शुक्ला अति.पुलिस अधीक्षक, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, थाना प्रभारी सहित जिले के समस्त पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारीगण ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला ने उपस्थित पुलिस बल को संबोधित करते हुए कहा कि योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मानसिक शांति, तनाव नियंत्रण और बेहतर कार्यप्रदर्शन के लिए भी अत्यंत उपयोगी है। यह हमें संतुलन और स्थिरता प्रदान करता है, जो पुलिस जैसे उत्तरदायित्वपूर्ण पेशे के लिए बहुत आवश्यक है।उन्होंने सभी कर्मचारियों को प्रतिदिन कम से कम एक घंटा योग के लिए समय निकालने और इसे अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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