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उत्तर काशी में फटे बादलों ने सबकुछ उलट डाला…

तबाही

उत्तर काशी में सब कुछ

 उलट-पुलट……..

मीडिया रिपोर्ट
05 अगस्त 2025

उत्तराखण्ड के उत्तर काशी में आज का दिन अमंगलकारी साबित हो रहा है। जिधर नज़र जा रही है वहीं पर तबाही का मंज़र सामने आ रहा है। हैलिपेड तक बह जाने की खबर है। अब तक 4 व्यक्तियों के मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस बाढ़ से पवित्र गंगोत्री धाम का सभी सड़क संपर्क टूट गया है. इस आपदा के कारण पानी और मलबे का एक ऐसा सैलाब उमड़ पड़ा जिससे पूरा इलाका जलमग्न हो गया और कई एजेंसियां इमरजेंसी हेल्प के लिए भेजी गई हैं.

लोग बता रहे हैं कि हमने पहले कभी ऐसी तबाही नहीं देखी जिसमे होटलों से लेकर बाज़ारों तक सब कुछ तबाह हो गया है।

हरी शिला पर्वत स्थित सात ताल इलाके से खीर गंगा आती है, जहां से बादल फटा है. दाहिने तरफ़ धराली इलाका है, बाएं तरफ़ हर्षिल का तेल गाट में आर्मी कैम्प है. इस हादसे के समय धराली में स्थानीय और यात्रियों को मिलाकर 200 से ज्यादा लोग मौजूद थे।
आर्मी कैंप भी इसकी चपेट में आया, यहां पर आर्मी मेस और कैफे है. कई जवानों के हादसे में लापता होने की आशंका है. हर्षिल में सेना की 14 राजरिफ़ यूनिट की तैनाती है. इसके अलावा उत्तरकाशी से 18 किमी दूर नेतला में भी लैंड स्लाइड आने से धराली तक नहीं पहुंचा जा सकता है।

हर्षिल में नदी के किनारे बना हैलीपैड भी बह गया है।भारी बारिश की वजह से हेलीकॉप्टर से राहत और बचाव का कार्य भी अवरुद्ध हो गया है।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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