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सीहोर : निलंबन के बाद भी डीएफओ आफिस से मोह भंग नहीं हो रहा महेश्वरी बाबू का..

किस्सा कुर्सी का...

निलंबन के बाद भी डीएफओ आफिस से मोह भंग नहीं हो रहा महेश्वरी बाबू का..

सीहोर(एमपी), 03 जुलाई 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

कार्यालय वन मंडलाधिकारी सीहोर में बहुचर्चित आडियो वायरल कांड के बाद निलम्बित कर दिये गए सहायक ग्रेड-3 स्थापना शाखा प्रहलाद सिंह महेश्वरी का कार्यालय और कुर्सी से मोह भंग नहीं हो पा रहा है। शायद वे अपनी कुर्सी से कुछ ज्यादा ही मोहब्बत रखते है।

आज गुरुवार को डीएफओ आफिस में जरा कुछ ज्यादा ही हलचल देखी जा रही थी उसके पीछे की जब वज़ह जानने का मीडिया टीम ने प्रयास किया तो पता चला कि हाल ही में भोपाल स्थानांतरित हुए डीएफओ मगन सिंह डावर के विदाई पार्टी की तैयारी चल रही है।

मजेदार बात यह कि यह तैयारी कार्यालयीन समय पर चल रही थी, आते-जाते अन्य कर्मचारियों में अपने कार्य के प्रति सजगता देखी जा रही थी लेकिन आश्चर्य तो तब हुआ जब अपनी पुरानी कुर्सी पर प्रहलाद सिंह महेश्वरी बाबू डटे दिखाई दिए। जबकि उन्हें अपने निलंबन काल की सेवाएं कार्यालय वन परिक्षेत्राधिकारी आष्टा में देनी हैं।
सहायक ग्रेड- 3 स्थापना शाखा प्रभारी के पद पर आसीन महेश्वरी बाबू ने श्रीमती अभिलाषा जैन से भारमुक्त करने के लिये रुपये बतौर रिश्वत मांगे थे जिसके दो आडियो गत 16 जून को वायरल हो गए थे। जिसकी सत्यता की जांच के बाद 18 जून 2025 को तत्कालीन डीएफओ श्री डाबर ने महेश्वरी को निलंबित कर दिया था। लेकिन अपने निलंबन काल के बावजूद यदाकदा अब भी बाबू जी सीहोर आफिस में दृष्टिगोचर हो जाते हैं।
इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि भोपाल से स्थानांतरित होकर सीहोर आईं डीएफओ श्रीमती अर्चना पटेल अभी अपने आधिनस्थ कर्मचारियों को शक्ल सूरत से जानती पहचानती भी नहीं हैं, एक तरह से यह ठीक भी है क्योंकि उन्हें आए हुए महज तीन दिन ही तो हुए हैं।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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