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आसमान में आखिरी दहाड़! 62 साल दुश्मनों को कंपाने वाला ‘योद्धा’ मिग-21 रिटायर, अब ‘तेजस’ संभालेगा कमान

मिग-2 सेवा निवृत...

आसमान में आखिरी दहाड़! 62 साल दुश्मनों को कंपाने वाला ‘योद्धा’ मिग-21 रिटायर, अब ‘तेजस’ संभालेगा कमान

मीडिया रिपोर्ट, 26 सितंबर 2025

भारतीय वायुसेना के इतिहास का एक सुनहरा अध्याय आज समाप्त हो गया। छह दशकों तक भारतीय आसमान की रक्षा करने वाला, दुश्मनों के दिलों में खौफ पैदा करने वाला और न जाने कितने युद्धों का गवाह रहा लड़ाकू विमान मिग-21 (MiG-21) आज रिटायर हो गया।

चंडीगढ़ एयरबेस पर हुए एक भव्य समारोह में इस ‘सुपरसोनिक’ योद्धा को आखिरी विदाई दी गई. यह वही विमान है जिसने 1965 से लेकर 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक तक, हर जंग में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.

शानदार विदाई, आखिरी उड़ान और वाटर कैनन सैल्यूट

चंडीगढ़ में आयोजित विदाई समारोह बेहद खास था. इस मौके पर खुद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने 6 मिग-21 विमानों के बेड़े के साथ इसकी आखिरी उड़ान भरी. इस ऐतिहासिक उड़ान में स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा भी शामिल हुईं, जो मिग-21 उड़ाने वाली आखिरी महिला पायलट बनकर इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गईबने।
जैसे ही ये विमान अपनी आखिरी उड़ान पूरी करके उतरे, उन्हें पानी की बौछारों से ‘वाटर कैनन सैल्यूट’ दिया गया. यह सम्मान उन जांबाज़ विमानों के लिए था, जिन्होंने 62 साल तक देश की सेवा की. इस भावुक पल के गवाह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख बने

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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