भ्रष्टाचार

सीहोर जनपद की मगरदा पंचायत मनमानी की गोद में, जहां-तहां भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार…

भ्रष्टाचार

सीहोर जनपद की मगरदा पंचायत मनमानी की गोद में,
जहां-तहां भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार…

हाइलाइट्स

लाखों रूपये का भ्रष्टाचार, कागजों पर बना दी सड़कें, पुलिया,शौचालय..
ग्रामीणों ने कलेक्टर जनपद सीईओ से निष्पक्ष जांच की मांग,

ग्राम पंचायत मगरदा में बीस वर्ष से एक ही परिवार के मां बाप बहु बेटे सरपंच सचिव,
आपस में बांट लिए पीएम आवास

सीहोर, 06 अगस्त 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

लाखों रूपये के भारी भ्रष्टाचार का मामला खुलकर सामने आ गया है जनपद पंचायत सीहेार की ग्राम पंचायत मगरदा में पंचायत अधिनियमों का खुलकर बेखौफ होकर उल्लंघन किया जा रहा है। सड़के पुलिया और शौचालय सहित अन्य स्वीकृत निर्माण कार्य कागजों पर ही पूर्ण कर दिए गए है फर्जी बिलों के माध्यम से लाखों रूपये की सरकारी राशि निकाल ली गई है। खास बात यह है कि पंचायत मगरदा में बीस साल से एक ही परिवार के मां बाप बहु बेटे सरपंच बन रहे हैं और सचिव की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं यही कारण है की इन्होने गांव के पात्र ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं देकर खुद ही पीएम आवास आपस में बांट लिए है और ग्रामीण आज भी मूलभुत सुविधाओं को तरस रहे है।

ग्राम पंचायत में हुए भारी भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच कराने और हड़पी गई लाखों रूपये की सरकारी राशि सरपंच सचिव से वसूलने सहित ग्रामवासियों को परेशानियों से मुक्ति दिलाकर समुचित सड़क पानी बिजली शौचालय पक्का मकान और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की मांग को लेकर ग्रामीणों के द्वारा कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में पहुंचकर कलेक्टर और जनपद पंचायत सीईओ को भी लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है।

पुराने मकान के फोटो. फर्जी तरीके से ले लिया पैसा

शिकायती पत्र में ग्रामीणों ने बताया की सरपंच छम्मा बाई पत्नी बद्री प्रसाद गौर ने अपने पुत्र ओमप्रकाश गौर पूर्व सरपंच को और अपने दूसरे पुत्र कमलेश गौर को आवास योजना का लाभ दिलाया है। योजना का लाभ लेने के लिए सरपंच के दोनों पुत्र ने अपने पुराने मकान के फोटो दिखाकर फर्जी तरीके से पैसा ले लिया है। जबकी सरपंच अपने परिवार को किसी भी प्रकार का शासकीय योजना का लाभ देता है तो यह अपराध की श्रेणी में आता है। सहायक सचिव विनोद गौर ने अपने पिता दौलती गौर के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ले लिया है जबकि दौलती गौर और उनकी पत्नी के नाम पर गांव में ही 9 एकड़ जमीन है उन्हे प्रधानमंत्री आवास योजना लाभ नियमों के विरुद्ध दिया गया है।

सरपंच द्वारा पंचों को पंचायत गठन से आज तक किसी भी प्रकार का वेतन या भत्ता नहीं दिया गया है जबकि पंचो एवं सरपंच के वेतन-भत्ते के नाम से राशि का आहरण हुआ है। सरपंच ने पंचों का मानदेय भी हड़प लिया है।

बरसात में टूटकर बह गई लाखों रूपये की पुलिया

शासकीय हाई स्कूल एवं हाई सेकेण्डरी स्कूल की दो बाउंड्री बाल के लिये शासन द्वारा क्रमश: 10 लाख एवं 12 लाख रूपये की राशि भेजी आई थी लेकिन सरपंच द्वारा आज तक स्कूल की बाउंड्री बाल का निर्माण नहीं किया है और सरपंच द्वारा उक्त राशि में से आधी से अधिक राशि खाते से निकाल ली है। गड़ाघाट पुलिया निर्माण के लिए शासन द्वारा लाखों रूपये की राशि स्वीकृत की गई थी सरपंच, सचिव ने अधिकारियों की मिलिभगत कर पुलिया का घटिया निर्माण कराया और पुलिया एक ही बरसात में टूटकर बह गई जिसकी जाँच होना जरूरी है। मगरदा में गलियों के अंदर सीसी रोड कार्य के लिये शासन द्वारा स्वीकृत राशि से गांव का नही सरपंच सचिव के परिजनो का विकास कर दिया गया है। सरपंच के परिजनों एवं सगे सबंधियों के घर के सामने निजी भूमि पर 300 मीटर की सी.सी. रोड बना दी गई। जिस भूमि पर रोड बनाया गया है ग्रामवासियों को इस से कोई लाभ नहीं हुआ है।

नहीं बनाया आंगनबाड़ी भवन कर दी पूरी राशि गायब

सड़क निर्माण के लिए लगभग चार लाख रूपये की शासन द्वारा स्वीकृत किए गए है। यह राशि भी निकालकर हड़प कर ली गई है सड़क अबतक नहीं बनी है । आंगनबाड़ी भवन की बिल्डिंग के लिए पांच लाख चालीस हजार रूपये स्वीकृत हुए हैं लेकिन 10 वर्षो से भी अधिक हो गए है आंगनबाड़ी भवन नहीं बनाया गया है पूरी राशि गायब कर दी गई है।

एजेंसियों एवं दुकानों के नाम से कई फर्जी बिल

बालाप्रसाद के खेत के नाले की पुलिया के निर्माण की राशि लगभग 5 लाख रूपये काफी समय पहले स्वीकृत हुई जो कि घुमककड़ आदिवासी विभाग द्वारा स्वीकृत की गई थी जिसका निर्माण आज तक नही किया गया है। पीलिया नामा खेत की तुकड़ी के पास दो लाख रूपये की राशि शासन द्वारा काफी समय पहले स्वीकृत की गई है जिसका निर्माण नहीं किया गया है। पंचायत द्वारा पंचायत के खाते से कई अलग-अलग ऐजेंसियों एवं दुकानों के नाम से फर्जी बिल बनाकर लाखो रूपये की राशि का गबन किया गया है जबकि इन कंपनियों एवं दुकानों द्वारा ग्राम पंचायत के अंदर किसी भी प्रकार का कोई कार्य नही किया है। शासन की पूंजी का दुरुपयोग अपने निजी कार्य के लिए सरपंच सचिव ने किया है जिसमे पंचगण एवं ग्रामवासी बहुत दु:खी हैं।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी
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